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कर्नाटक में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुचे राहुल गांधी

नई दिल्ली, 21 जुलाई : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी वरिष्ठ नेताओं की देश में अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन तलाशने में जुट गए हैं। इसी के मद्देनजर वे शुक्रवार को अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2017 में हिस्सा लेने कनार्टक के बेंगलुरू जाएंगे। यह आयोजन 21 से 23 जुलाई तक कनार्टक के बेंगलुरू में आयोजित किया जा रहा है।

इस कॉनक्लेव (अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2017) को सामाजिक अधिकारिता व अंबेडकर से जोड़ कर किया जा रहा है। 

कांग्रेस का एससी विभाग इसका आयोजन कर रहा है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में देश-विदेश से विद्वान व वक्ता आएंगे, जो सामाजिक अधिकारिता और अंबेडकर पर अपने विचार रखेंगे। इसमें जहां 21 जुलाई को शाम साढ़े पांच बजे राहुल गांधी इस कार्यक्रम का शुरुआत करेंगे वहीं अगले दिन अंबेडकर पर सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है।

कार्यक्रम के बाकी दिन दलितों की समस्याओं, उनके राजनीतिक व सामाजिक हालात, देश में दलितों के खिलाफ बनते माहौल, उन पर हो रहे अत्याचार को लेकर चर्चा व मंथन होगा। हालांकि इस कार्यक्रम के समापन के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष हिस्सा ले सकती है फिलहाल सोनिया गांधी का कार्यक्रम अभी तय नहीं है।

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अंबेडकर सम्मेलन के आयोजन के पीछे जहां एक वजह देश में दलितों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ मुद्दे को उठाना है, वहीं इसे कहीं न कहीं कनार्टक में होने वाले असेंबली चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के सामने एक चुनौती कनार्टक में अपने किले को बचाने की भी रहेगी। दरअसल, कांग्रेस की नजर राज्य के 24 फीसदी दलितों पर है।

इतना ही नहीं, कांग्रेस ने आगामी चुनाव को देखते हुए वहां के दलित नेताओं को खासी जिम्मेदारी दी है। जहां मल्लिकार्जुन खड़गे को पहले ही लोकसभा में पार्टी का नेता बनाने के साथ-साथ पीएमसी का अध्यक्ष बनाया वहीं दूसरी ओर प्रदेश की कमान परमेश्वरा को दी है, जो दलित तबके से आते हैं। वहीं एक अन्य दलित नेता के एच मुनियप्पा को पिछले दिनों कांग्रेस वर्किंग कमेटी का मेंबर बनाया गया है।

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