Uttarakhand.देहरादून, 21 फरवरी= भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्र में आता है। हाल ही में आए भूकंप के झटकों में भले ही कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन आने वाले वक्त में बड़े भूकंप की आशंका ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा प्रबंधन मशीनरी की नींद उड़ाई हुई है। इसी को देखते हुए राज्य में भूकंप के बाद आपदा राहत की तैयारियों को परखने के लिए मंगलवार को एनडीएमए और एसडीएमए ने मिलकर मॉक ड्रिल का आयोजन किया।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के निदेशक डा.पीयूष रौंतेला ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के सहयोग से 21 फरवरी को गढ़वाल मंडल में पूर्वाभ्यास के जरिये विभिन्न विभागों की तैयारियों का जायजा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 22 फरवरी को कुमाउं मंडल के जिलों में भी इसी तरह का मॉक ड्रिल किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सोमवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल वीके दत्ता और मेजर जनरल वीके नायक ने मॉक अभ्यास के बारे में तमाम विभागों के अधिकारियों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसके चार प्रमुख घटक हैं। इनमें अभिमुखीकरण कार्यशाला, समन्वय कार्यशाला, टेबल टॉप अभ्यास और धरातल मॉक अभ्यास शामिल है। इस दौरान उन्होंने राज्य और जनपद स्तर के आपदा प्रबंधन तंत्र और योजना पर भी प्रकाश डाला। मंगलवार को गढ़वाल मंडल के जिलों में भूकंप को लेकर मॉक ड्रिल किया गया।