एक और प्राईवेट अस्पताल पर लगा अमानवीयता का आरोप
Bengal.बर्दवान, 25 फरवरी= सरकार की सख्ती के बावजूद राज्य में प्राईवेट अस्पतालों के रवैये में कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहा। कोलकाता के अपोलो अस्पताल के बाद अब बर्दवान के एक नर्सिंग होम पर बिल भुगतान के लिये मरीज के परिजनों को धमकाने का आरोप लगा है। आरोप यह भी है कि अस्पताल के बिल का भुगतान नहीं कर पाने के कारण मरीज के गरीब पिता ने आत्महत्या कर ली। हालांकि मामले को लेकर मचे शोर गुल के बाद अस्पताल ने अपना रुख नरम करते हुए इलाज के खर्च में छूट देने का एलान कर दिया।
प्राप्त खबरों के अनुसार झारखंड के दुमका जिले के मलूटी गांव निवासी तपन लेट की बेटी को गत 17 फरवरी को प्रसव के लिये बीरभूम जिले के रामपुरहाट अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां बच्चे के जन्म के बाद प्रसूता की हालत बिगड़ने पर उसे बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थानांतरित कर दिया गया लेकिन वहां ले जाने के क्रम में एंबुलेंस चालक ने तपन लेट को गुमराह करते हुए बर्दवान के नबाबहाट इलाके में स्थित पीजी नर्सिंग होम में जाने के लिये राजी कर लिया।
इलाज के बाद नर्सिंग होम की तरफ से तपन लेट को 42 हजार रुपये का बिल थमाया गया। तपन लेट ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई तो अस्पताल ने कथित तौर पर उनकी बेटी को सरकारी होम में चालान करने की धमकी दी। इसके बाद वे पैसे का इंतजाम करने के लिये अपने गांव गए लेकिन इंतजाम नहीं हो सका। आरोप है कि इसी हताशा में उन्होंने आत्महत्या कर ली। मरीज के पिता की आत्महत्या की खबर फैलते ही जिला प्रशासन ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए अस्पताल पर दबाव बनाया। इसके बाद अस्पताल ने मानवीयता का हवाला देकर बिल में 27 हजार रुपये की छूट देने को राजी हो गया और फिर 15 हजार रुपये का भुगतान करने पर मरीज को छोड़ा गया। बर्दवान के जिलाधिकारी ने बताया कि संवादमाध्यमों से मामले की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन ने इस मामले में हस्तक्षेप किया।