उपसभापति चुनावः सत्तापक्ष या विपक्ष में जीते कोई, कुर्सी पर बैठेंगे ‘हरि’
नई दिल्ली, 8 अगस्त (हि.स.)। राज्यसभा के उपसभापति के लिए गुरुवार को होने वाले चुनाव के बाद नतीजे चाहे जिसके पक्ष में आए, लेकिन एक बात साफ है कि चुनाव बाद उपसभापति की कुर्सी पर ‘हरि’ ही आसीन होंगे।
उप-सभापति का पद यह चुनाव पी.जे. कुरियन के जुलाई में सेवानिवृत्त होने के बाद खाली हुआ था। इसके लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की तरफ से जनता दल (यू) नेता हरिवंश नारायण सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है जिन्होंने बुधवार को अपना नामांकन भर दिया है। वहीं कांग्रेस के बी.के.हरिप्रसाद ने विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरा है। हालांकि इसके पहले शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से वंदना चौहान को उम्मीदवार बनाए जाने की काफी संभावना थी, लेकिन अंत समय में उन्होंने अपने हाथ खड़े कर दिए।
माना जा रहा है कि पवार ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि हरिप्रसाद की जीत-हार का नफा-नुकसान कांग्रेस के ही खाते में जाए और उसका ठीकरा समूचे विपक्ष पर नहीं फूट पाए, क्योंकि जानकारों का कहना है कि बीजू जनता दल (बीजद) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार हरिवंश के समर्थन का मन बना लिया है, जिसके चलते जनता दल (यू) से पहली बार सांसद बने हरिवंश की जीत सुनिश्चित लग रही है।
राज्यसभा में मौजूदा गणित के हिसाब से उपसभापति पद पर जीत के लिए किसी भी पक्ष को 123 सांसदों का समर्थन चाहिए। सत्ताधारी राजग के खाते में अभी कुल 115 सांसद हैं तो कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष के पास 113 सांसद। ऐसे में यदि बीजद के 9 सांसद राजग के उम्मीदवार के साथ जाते हैं जिसकी उम्मीद भी जताई जा रही है तो राजग प्रत्याशी का जीतना तय है। इसी प्रकार यदि बीजद सांसद विपक्ष के साथ गए तो यह खेमा एक अतिरिक्त सदस्य का समर्थन हासिल कर मोदी सरकार को झटका दे सकता है। बहरहाल, अब देखना यह है कि ‘हरि’ राजग के हैं या फिर संप्रग के?