उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक विकलांग, योगी ने उठाए ये कदम.
लखनऊ, 12 अप्रैल = देश में सबसे अधिक विकलांगों की संख्या वाले उत्तर प्रदेश में भी अब विकलांग जनों को दिव्यांग की संज्ञा मिल गई है। मोदी के बाद योगी ने भी विकलांग जन विकास विभाग का नाम बदलकर दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग कर दिया है। मुख्यमंत्री ने विकलांग जनों के मासिक अनुदान को भी बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार देर रात विकलांग जन विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं का प्रस्तुतिकरण देखते हुए इस विभाग का नाम बदलकर दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग करने के निर्देश दिए। उन्होंने निराश्रित विकलांग जन को राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे 300 रुपये प्रतिमाह के भरण-पोषण अनुदान को चरणबद्ध ढंग से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह करने का आश्वासन दिया।
प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने विकलांगजन विकास विभाग द्वारा संचालित विकलांग पेंशन, कुष्ठावस्था पेंशन, कृत्रिम अंगध्सहायक उपकरण अनुदान, विकलांगजन के विवाह हेतु प्रोत्साहन पुरस्कार योजना, दुकान निर्माणध्संचालन योजना, उ.प्र. राज्य परिवहन निगम की बसों में विकलांग जन को निःशुल्क यात्रा सुविधा, निर्धन एवं असहाय विकलांग जन की शल्य चिकित्सा हेतु अनुदान तथा विकलांग जन के प्रोत्साहन हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्बन्धित योजनाओं के विषय में विस्तृत जानकारी ली।
योगी ने सरकारी नौकरियों में विकलांग जन के कोटे को भरे जाने के निर्देश देते हुए समूह ‘ग’ में भर्ती की कार्यवाही शुरू करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जिन विभागों में यह कोटा रिक्त हो, उनका चिन्हांकन करते हुए इन पदों को शीघ्रता के साथ भरा जाए। उन्होंने विकलांग जन हेतु हेल्प लाइन नम्बर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय विद्यालयों संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु काॅरपोरेट सोशल रिस्पाॅन्सिबिलिटी कार्यक्रम के अन्तर्गत सहयोग स्वीकार करने की अनुमति के सम्बन्ध में शीघ्र ही प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कुष्ठ रोगियों को चिन्ह्ति कर उन्हें उनके लिए स्थापित किए गए आश्रमों में पहुंचाने की व्यवस्था को ठीक ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कुष्ठ रोगियों के बच्चों को आश्रम पद्धति विद्यालयों में प्रवेश देकर उनकी शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा। ऐसे बच्चों के लिए छात्रवृत्ति की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस विभाग की योजनाओं को भारत सरकार द्वारा दिव्यांग जन कल्याण के लिए संचालित योजनाओं से जोड़ा जाए।
उन्होंने प्रदेश के 403 विधान सभा क्षेत्रों में कैम्प लगाकर विकलांग जनों को कृत्रिम अंग व सहायता उपकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 से पहले इस योजना के तहत सभी लाभार्थियों को कवर कर लिया जाए। भारत सरकार विकलांग जनों की सुविधा के लिए संचालित कृत्रिम अंग योजना के तहत धन उपलब्ध करा रही है। उन्होंने विकलांग जन विकास विभाग को निर्देशित किया कि वे प्रदेश के सभी जरूरतमन्द विकलांग जनों को उपलब्ध कराए जाने वाले उपकरणों इत्यादि के लिए आवश्यक धनराशि का आकलन कर इस सम्बन्ध में प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजें।
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योगी ने विकलांग जन की सहायता के लिए संचालित दुकान निर्माण व संचालन योजना के सम्बन्ध में कहा कि इसके लिए बैटरी चलित रिक्शा में ही पीछे की ओर दुकान की व्यवस्था की जाए, जिससे यह रिक्शा एक मोबाइल शाॅप का रूप ले लेगा और विकलांग जन को सामान बेचने में मददगार साबित होगा और वे स्वावलम्बी बन सकेंगे। विकलांग जन के विवाह को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि को बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने सहमति जतायी। उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बसों में विकलांग जन को दी जा रही निःशुल्क यात्रा सुविधा पर नए सिरे से विचार करने पर सहमति जतायी। उन्होंने निर्धन एवं असहाय विकलांग जन की शल्य चिकित्सा हेतु अनुदान के सम्बन्ध में प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बचपन डे-केयर सेंटर के तहत अध्ययनरत छोटे निःशक्त बच्चों को भोजन उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने मण्डल मुख्यालयों पर ऐसे और सेंटरस स्थापित करने के निर्देश दिए। संकेत (राजकीय मूक बधिर विद्यालय) के तहत संचालित पांच विद्यालयों की व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए इनमें व्याप्त कमियों को दूर करने के भी निर्देश दिए।
मोदी ने मन की बात में की थी अपील
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में 27 दिसंबर को अपने रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में विकलांगों को दिव्यांग कहने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि किसी अंग से लाचार व्यक्तियों में ईश्वर प्रदत्त कुछ खास विशेषताएं होती हैं। इन लोगों के पास एक ‘दिव्य क्षमता’ है। इसलिए उनके लिए ‘विकलांग’ शब्द की जगह ‘दिव्यांग’ शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
मोदी की इस अपील के बाद देश में कई जगह विकलांगों को दिव्यांग कहा जाने लगा। करीब एक साल बाद 16 दिसम्बर, 2016 को संसद ने भी दिव्यांगों से जुड़े एक महत्वपूर्ण विधेयक को मंजूरी दी। इस विधेयक में निःशक्तजनों से भेदभाव किए जाने पर दो साल तक की कैद और अधिकतम पांच लाख रुपये के जुर्माना का प्रावधान किया गया है। विधेयक में दिव्यांग जनों के लिए आरक्षण की व्यवस्था तीन से बढ़ाकर चार प्रतिशत किया गया है। तेजाब हमले के पीड़ितों को भी दिव्यांग श्रेणी में रखा गया है।
उप्र में सबसे अधिक दिव्यांग
उत्तर प्रदेश में विकलांगों की संख्या देश में सबसे अधिक है। वर्ष 2011 की जनगणना के दौरान देश में पहली बार इसकी गिनती हुई थी, जिसका खुलासा सन 2014 में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की ओर से किया गया था। इसमें बताया गया था कि देश में दिव्यांगों की संख्या दो करोड़ 68 लाख 10 हजार 557 है। इस गणना में उ.प्र. में सर्वाधिक 41 लाख 57 हजार 514 दिव्यांग पाये गये। उ.प्र. के बाद दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र में दिव्यांगों की संख्या 29 लाख 63 हजार 392 है। इस मामले में बिहार तीसरे स्थान पर है। यहां दिव्यांगों की संख्या 23 लाख 31 हजार नौ है जनगणना में जो विशेष जानकारी मिली उसके अनुसार देश के कुल दिव्यांग जनों में से एक करोड़ 86 लाख 31 हजार 921 गांवों में रहते हैं। देश के सभी दिव्यांगों में एक करोड़ 49 लाख 86 हजार 202 पुरुष हैं और एक करोड़ 18 लाख 24 हजार 335 महिला हैं। देश दिव्यांगों में 50 लाख 32 हजार 463 दृष्टिहीन हैं, जबकि 50 लाख 71 हजार 7 लोगों को सुनाई नहीं देता है। करीब 19 लाख 98 हजार 535 दिव्यांग जन बोलने में अक्षम हैं। वहीं चलने से असहाय लोगों की संख्या 54 लाख 36 हजार 604 है। मानसिक विकलांगता के शिकार लोगों की संख्या 21 लाख 28 हजार 534 है।
जनगणना-2011 के अनुसार, देश की 45 फीसदी दिव्यांग आबादी अशिक्षित है, जबकि पूरी आबादी की बात की जाए तो अशिक्षितों का प्रतिशत 26 है। दिव्यांगों में भी जो शिक्षित हैं, उनमें 59 फीसदी 10वीं पास हैं, जबकि देश की कुल आबादी का 67 फीसदी 10वीं तक शिक्षित है।
इस तरह समझे राज्यों में दिव्यांगों की संख्या
1) उत्तर प्रदेश – 41,57,514, 2) महाराष्ट्र – 29,63,392 , 3) बिहार – 23,31009, 4) आंध्रप्रदेश – 22,66,607, 5) पश्चिम बंगाल – 20,17,406 , 6) राजस्थान – 15,63,694, 7) मध्यप्रदेश – 15,51,931, 8) कनार्टक – 13,24,205, 9) उड़ीसा – 12,44,402
10) तमिलनाडु – 11,79,963, 11) गुजरात – 10,92,302, 12) झारखंड – 7,69,980, 13) केरल – 7,61,843 , 14) पंजाब – 6,53,063
15) हरियाणा – 5,46,374, 16) असम – 4,80,065, 17) दिल्ली – 2,34,882, 18) उत्तराखंड – 1,85,272, 19)जम्मू-कश्मीर – 1,61,153
20) हिमांचल प्रदेश – 1,55,316, 21) त्रिपुरा – 64,346, 22) मणिपुर – 54,110, 23) मेघालय – 44,317, 24) गोवा – 33,012
25) नागालैंड – 29,631, 26) अरूणाचल प्रदेश – 26,734, 27) सिक्किम – 18,187, 28)अंडमान – 6,660, 29)दादर नागर हवेली – 3,294, 30) दमन – 2,196 , 31)लक्षदीप – 1,615