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इलाहाबाद 2022 तक पेयजल समस्या से होगा मुक्त

इलाहाबाद, 26 सितम्बर (हि.स.)। प्रदेश सरकार ने लगभग 54 करोड़ से भी अधिक लागत से पेयजल योजना को पूर्ण कराने जा रही है, जिससे इलाहाबाद के दक्षिणांचल क्षेत्र के सूखा प्रभावित क्षेत्रो को पीने योग्य तथा सिंचाई योग्य जल की प्राप्ति होगी और लगभग 60 हज़ार से अधिक की आबादी को इसका सीधा लाभ मिलेगा और 2022 तक अपना इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र पूरी तरह से पेयजल समस्या से मुक्त हो जायेगा।

शंकरगढ़ नगर पंचायत पेयजल योजना जो 1972 केन्द्रीय जल आयोग द्वारा प्रस्तावित थी, योजना बनने के बाद कई सांसद आये कई गए सरकारें बनी, सरकारें बिगड़ी लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया।

इलाहाबाद के सांसद श्यामा चरण गुप्त ने आम जनमानस की इस समस्या को गंभीरता से लिया और पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को उक्त समस्या से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने सांसद श्री गुप्त को आश्वस्त किया कि इसका निदान जल्द से जल्द होगा। सांसद श्याम चरण गुप्त का प्रयास आज मूर्त रूप ले लिया है। 

उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी रजनी कान्त श्रीवास्तव ने देते हुए बताया कि इस बाबत केन्द्रीय जल संसाधन एवं विकास मंत्रालय भारत सरकार का मानना है की देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल (329 मिलियन हेक्टेयर) में से लगभग 1/6 भाग सूखा प्रभावित है। बेतरतीबी एवं अनिश्चितता के कारण सूखे के प्रभावों के नियोजन एवं प्रबन्धन को प्राथमिकता दी जाती है। इसके अतिरिक्त अधिकांश सूखा नियोजन एवं प्रबन्धन योजनाएं सूखा पड़ने की स्थिति के बाद लागू की जाती हैं। इसके लिये फसल उत्पादन में हानि द्वारा सूखा प्रबन्धन के प्रबोधन एवं आकलन की पारम्परिक पद्वतियों की पारदर्शिता एवं शीघ्र परिणाम प्राप्त करने हेतु सुदूर संवेदी, जी.आई.एस, जी.पी.एस एवं निदर्शन की आधुनिक तकनीकों से परिवर्तित करना आवश्यक है।

परन्तु हमारी मोदी सरकार इस पर एक वृहद योजना पर काम कर रही है यह योजना इसलिये भी महत्वपूर्ण है कि इसमें यमुना नदी का पानी लेकर जल शोधन के उपरांत पूरे दक्षिणांचल क्षेत्र के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में वितरण किया जायेगा। इस तरह की योजना का लाभ पाने वाला शंकरगढ़ नगर पंचायत जिले का पहला नगर पंचायत होगा।

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