इंदिरा गांधी जन्म शताब्दि बनी मौत की शताब्दि , आखिर 48 घंटे बाद काँग्रेस नेता बाळकृष्ण पुर्णेकर की भी मौत ,जन्मदिन पर उठेगा जनाजा .
मुंबई,15 अगस्त : रविवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में सडक हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए काँग्रेस के नेता बाळकृष्ण पुर्णेकर की 48 घंटे बाद सोमवार रात में इलाज के दौरान मौत हो गई . पुर्णेकर के मौत की खबर आते ही पुरे ठाणे में शोक फ़ैल गया .हालंकि इस घटना में काँग्रेस के नेता संजय चौपाने की पहले ही मौत हो चुकी है .
औरंगाबाद इंदिरा गांधी जन्म शताब्दि में शामिल होने गए कांग्रेस के इन नेतावो के लिए यह मौत की शताब्दि बन गई . जिसे कांग्रेस के नेता कभी नहीं भुला पाएंगे. बता दे कि रविवार को बाळकृष्ण पुर्णेकर ,संजय चौपाने व कांग्रेस के अन्य नेता टोयोटा फार्चूनर कार में सवार होकर इंदिरा गांधी जन्म शताब्दि समारोह में शामिल होने के लिए औरंगाबाद गए हुए थे . और वह इस प्रोग्राम में शामिल होकर ठाणे लौट रहे थे. उसी दरमियान गंगापुर–औरंगाबाद रोड पर भंडाला फाटा के नजदीक उनके कार के सामने आचानक एक वाहन आ गया जिसे बचाने की कोशिश में संजय चौपाने की कार सडक के डीवायडर से टकरा कर सडक पर कई बार गुलाटी खाती हुई सामने से तेज रफ्तार से आ रही बस से टकरा गई थी . इस हादसे में कांग्रेस के नेता संजय चौपाने की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी. जबकि उनके साथ कार में सवार ठाणे कांग्रेस के प्रेसिडेंट रह चुके बाळकृष्ण पुर्णेकर , रमांकांत म्हात्रे और बलदीप सिंह जख्मी हो गये थे.लेकिन बालकृष्ण पुर्णेकर के सर में गंभीर चोट लगने के कारण वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे और उनकी हालत चिंता जनक बनी हुई थी .
जन्मदिन पर उठेगा जनाजा ….
खास बात यह है की बाळकृष्ण पुर्णेकर का आज जन्मदिन भी है .लेकिन समय का खेल और बिधि के बिधान को बदल नहीं सकता .लोग अपने जन्मदिन को पुरे उत्साह के साथ मनाते है .लेकिन बालकृष्ण पुर्णेकर का जन्मदिन मानाने के बजाय आज उनका जनाजा उठेगा.
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बाळकृष्ण पुर्णेकर कौन थे संक्षिप्त परिचय …
बाळकृष्ण पुर्णेकर कांग्रेस के एक तेज तरार नेता माने जाते थे . उन्होंने शिक्षा के दौरान से ही शिवसेना विद्यार्थी सेना के माध्यम से राजनीती की शुरुवात की थी . उस समय उन्होंने महाबिद्यालय के चुनाव में चढ़ बढ़ कर हिस्सा लिया था .साथ ही छात्रो के लिए हुए कई आन्दोलन में भी उन्होंने हिस्सा लेकर उसकी आगुवाई किया था . लेकिन कुछ मत भेद के कारन उन्हों ने शिवसेना को ‘जय महाराष्ट्र’ करते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया था .जब ‘मी नथुराम गोडसे…’ का नाटक करने वाली बस को मुलुंड के कालिदास नाट्यगृह के पास कांग्रेस के कार्यकर्ताओ ने जलाया था उसकी आगुवाई भी उन्होंने कि थी .साथ ही उन्हों ने ठाणे शहर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालते हुए कई महत्वपूर्ण आंदोलन किये है . उनकी मौत के बाद कांग्रेस ने संजय चौपने समेत अपना एक और नेता खो दिया है .