पटना, सनाउल हक़ चंचल
कम वक्त में ज्यादा पैसा कमाने की चाहत महिलाओं को गलत रास्ते पर ले जा रही है. यहां तक कि वे अपने जिस्म का सौदा करने से भी परहेज नहीं कर रही हैं. अभी कुछ दिन पहले बोरिंग रोड चौराहे पर गर्ल्स हॉस्टल की कुछ लड़कियां सेक्स रैकेट में लिप्त पायीं गयीं. सेक्स का यह धंधा ऑनलाइन भी हो रहा है. इंटरनेट पर कई ऐसी वेबसाइट हैं जिन पर अच्छी पढ़ी-लिखी लड़कियों के प्रोफाइल हैं. प्रोफाइल में खुद को कॉलगर्ल बताने में भी गुरेज नहीं कर रही हैं. लड़कियां उन वेबसाइटों पर अपने मोबाइल नंबर और अपनी पसंद को भी लिखकर बता रही हैं. जैसे नम्रता 22 वर्ष , आई एम सिकिंग ब्वॉय, मैं बक्सर की रहने वाली हूं.
आई एम सिंगल गर्ल… इस तरह के प्रोफाइल के साथ कई वेबसाइट पर खुले आम लड़कियां अपनी डिटेल को डाल रही हैं. इनमें ज्यादातर वेबसाइट बिना किसी रजिस्ट्रेशन के ही खुल रहे हैं. जहां, हर जिले में लड़कियाें का प्रोफाइल है. कुछेक ही ऐसे वेबसाइट हैं, जो अडल्ट के लिए हैं और वह रजिस्टर्ड करने की मांग करते हैं. लड़कियां और महिलाएं इन वेबसाइटों के जरिये अपने शरीर की बोली लगा रही हैं. यह धंधा बड़ी तेजी से पनप रहा है और कम उम्र की लड़कियां भी शामिल हैं.
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वेबसाइटों के सहारे चल रहा देह व्यापार
अधिक सक्रियतावाद की शिकार हो रही हैं महिलाएं : समाजशास्त्री डॉ हर्षवर्द्धन बताते हैं कि आज कई महिलाएं अधिक सक्रियतावाद की शिकार हो चुकी हैं. इगो इतना अधिक बढ़ चुका है, कि वह इसके आगे सुनना और समझना तक पसंद नहीं कर रही है. इसके कई कारण भी है समाज में बाजारवाद की संस्कृति हावी होना.
फैशन और ब्रांड बन रहा कारण : फैशन और ब्रांड ने आज हर एक महिला को अपना शिकार बना लिया है. मनोवैज्ञानिक अमृता श्रुति बताती हैं कि महिलाएं फैशन के साथ बढ़ना चाहती है. महंगे ब्रांडेड माेबाइल, कपड़े, बड़े और महंगे होटलों में खाने-पीने से लेकर हर तरह के फैशन को अपना रही हैं.
कम समय में बहुत कुछ पाने की चाहत : महिला हेल्पलाइन की परियोजना प्रबंधक प्रमिला कुमारी बताती हैं कि आज लड़कियां कम समय में बहुत कुछ पाना चाहती हैं. इसके लिए क्या सही और क्या गलत के नजरिया से ऊपर उठ कर ऐसे कार्यों को भी कर रही हैं. कई बार तो ऐसे मामले में लड़कियां बुरी तरीके से जब फंस जाती हैं.
बड़ी संख्या में संलिप्त हैं महिलाएं
बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति गैर सरकारी संस्थाओं के साथ मिल कर सेक्स वर्करों की भलाई के लिए काम भी कर रही हैं. मीठापुर में स्थित काउंसेलिंग सेंटर में काम कर रही प्राेग्राम मैनेजर सुमन बताती हैं कि कई पढ़ी-लिखी महिलाएं भी इस तरह के कार्यों में संलिप्त हैं.
जब उन तक महिलाओं की टीम पहुंचती हैं तो उन्हें यकीन नहीं होता, लेकिन जब उन्हें उनके स्वास्थ्य के प्रति अवेयर किया जाता है, तब वह खुल कर अपनी बात रखती हैं. इनमें कुछ तो मजबूरीवश होती हैं और कुछ शौकिया इस कार्य में जुड़ी, पर वह अब इससे निकल नहीं पाती. इसमें कॉलेज गोइंग लड़कियां भी शामिल हैं जो सेंटर पर आने के बाद कइयों के साथ संबंध बनाने की बात स्वीकार करती हैं.