आय से अधिक संपत्ति मामला : शशिकला का टूटा CM बनने का सपना, अब जाना होगा जेल.
TAMILNADU, 13 फ़रवरी : अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला आय से अधिक संपत्ति के मामले दोषी पाई गई हैं. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में उन्हें दोषी पाया. दरअसल, इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट से बरी होने के बाद राज्य सरकार ने अपील की थी. शशिकला को चार साल की सजा हुई है.
बेंगलुरू की एक ट्रायल कोर्ट ने वर्ष 2014 में उन्हें आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी करार दिया था और चार साल की जेल के साथ 100 करोड़ जुर्माने की सज़ा सुनाई थी जिसके कारण जयललिता को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था.
दोनो ने (जयललिता – शशिकला ) कुछ वक्त जेल में बिताया लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट ने आदेश के बाद उन्हें रिहा कर दिया. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां ये फ़ैसला आया है.
फ़ैसले के आने के बाद शशिकला के राजनीतिक प्रतिद्वंदी ओ पनीरसेल्वम के घर के सामने पटाखे फोड़कर अपनी ख़ुशी जाहिर की .
सत्ता तो मिली नहीं अब जाना पड़ेगा जेल …..
शशिकला अब मुख्यमंत्री नहीं बन सकती. और अगले 10 सालों तक न कोई चुनाव लड़ सकती हैं, न किसी सरकारी पद पर रह सकती हैं लेकिन माना जा रह है कि जयललिता के भाई जे जयकुमार के बेटे दीपक को एआईएडीएमक विधानसभा दल का नेता चुना जा सकता है ताकि सत्ता पर शशिकला की पकड़ बनी रहे.
ये भी कहा जा रहा है कि शशिकला जन संसाधन मंत्री ईके पल्लानिस्वामी या पार्टी के नेता सिंगोटियन को अपने गुट के विधायक दल का नेता बना सकती हैं.
इस फ़ैसले के आने के बाद पनीरसेल्वम की स्थिति मज़बूत होगी और जो विधायक पहले शशिकला गुट में थे वो अब पनीरसेल्वम के साथ आ सकते हैं. पनीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनने के लिए 234 सीटों वाली विधानसभा में 118 विधायकों का समर्थन ज़रूरी है.
पिछले कुछ दिनों में तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव की आलोचना हुई है कि उन्होंने शशिकला को मुख्यमंत्री पद का शपथ दिलाने और उनसे विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए आमंत्रण भेजने में बहुत देरी की है. आलोचकों के अनुसार जिस किसी को विधायक दल का नेता चुना जाता है, परंपरा यही है कि राज्यपाल को उसे शपथ दिलाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए.
लोगों की निगाह चेन्नई के गोल्डेन बे रेजॉर्ट पर भी होगी जहां पर बड़ी संख्या में शशिकला गुट के विधायक रह रहे हैं. देखना होगा कि वहां विधायकों का क्या रुख रहता है.
एआएडीएमके के कई कार्यकर्ता शशिकला से नाराज़ थे क्योंकि उनका मानना था कि शशिकला ने उन्हें ‘अम्मा’ जयललिता से दूर रखा था. जबसे शशिकला को विधायक दल का नेता चुना गया था, पार्टी कार्यकर्ताओं में इसे लेकर असंतोष था और कई तो खुलकर पनीरसेल्वम के समर्थन में आ गए थे .