चेन्नई, 08 अप्रैल (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मृत्यू के बाद से ही तमिलनाडु में राजनीतिक समीकरण काफी बदल गए हैं। जहां सत्ताधारी एआईएडीएमके में ही दो फाड़ हो गया, वहीं प्रमुख विपक्षी पार्टी डीएमके लगातार हमलावर हो गई है। इसके अलावा, शशिकला को शपथ दिलाने तथा पलानीसामी-पन्नीरसेल्वम वाला सीएम दांव सभी मुद्दों को भाजपा से जोड़कर देखा जा रहा है। सुनने में यहां तक आ रहा है कि सारे मुद्दों को उपजाने और सुलझाने सभी में भाजपा पर्दे के पीछे से खेल रही है।
ऐसे में अब नया शिगुफा सामने आ रहा है कि आरके नगर सीट के उपचुनाव को लेकर भाजपा टीटीवी दिनाकरण के समर्थन में है। इसीलिए जो बीते दिन छापेमारी हुई वह भी भाजपा ने करवाए। आरोपों के आधार में कहा जा रहा है कि शशिकला के मुद्दें से लेकर पन्नीरसेल्वम के विरोध तक में भाजपा का दिमाग था, मगर कहीं भी शशिकला ने खुलकर भाजपा पर आरोप नहीं लगाए। जो दर्शाते हैं कि कहीं न कहीं भाजपा का उन्हें सहयोग मिल रहा है। जबकि शशिकाल लगातार कहती रही हैं कि डीएमके ने ही यह सब कराया है।
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मगर जब पार्टी चिन्ह को सुरक्षित रखने का फैसला चुनाव आयोग ने दिया तो दिनाकरण गुट के सांसद खुल कर कहने लगे कि पन्नीरसेल्वम अपने सभी चाल भाजपा और केंद्र सरकार के इशारे पर चल रहे हैं। वहीं, बीच-बीच में अपने अंदाज़ में सुब्रमण्यम स्वामी भी कुछ न कुछ बोल जाते हैं, जिससे मामला और उलझ जाता है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि लोग अब ओडिशा का उदाहरण देने लगे हैं। कि कैसे बीजद में भाजपा ने फूट डालने का काम किया। वही सब तमिलनाडु में भी देखने को मिल रहा है।