मुंबई,20 नवंबर(हि. स)। अवैध निर्माण हटाये नही जाने तक मीरा-भायंदर मनपा मुख्यालय में कदम नही रखने के अपने कदम से सत्तासीन भाजपा ने कदम पीछे खिंचते हुए यू-टर्न ले लिया है।अब मेयर डिम्पल मेहता बहाना बना रही हैं कि मनपा कमिश्नर डॉ.नरेश गीते हमसे 8 दिन का मौका मांगे हैं।इसलिए हम मनपा मुख्यालय आना जारी रखेगें।
उल्लेखनीय है कि 17 नवंबर को पत्रकार परिषद लेकर महापौर डिम्पल मेहता,जिसमें खुद विधायक नरेंद्र मेहता भी उपस्थित थे,ने अवैध निर्माण हटाने सहित अपनी छह सूत्रीय मांगे पूरी करने का मनपा आयुक्त को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था।इसका जबाब भी आयुक्त ने अतिरिक्त आयुक्त विजय कुमार म्हसाल से क्रमवार दिलवाय था।आयुक्त के बजाय अतिरिक्त आयुक्त द्वारा जबाव मिलने पर महापौर भड़क गईं थीं।उन्होंने इसे अपना अपमान बताया था।भाजपा के अल्टीमेटम की डेडलाइन 20 नवंबर को दोपहर 12 बजे खत्म हो गई।उसके बाद महापौर मुख्यालय में स्थित महापौर कक्ष में मौजूद रहीं।उनका कहना था कि आयुक्त ने हमसे 8 दिन का समय मांगा है।
जिसके बाद हम अपना कदम पीछे लिए हैं।बताना जरूरी होगा कि महापौर ने पत्रकार परिषद में अवैध ढंग से स्टूडियो,गैरज,औद्योगिक गाले,इमारत का निर्माण बड़े पैमाने पर होने और इसे प्रशासन द्वारा पैसे लेकर प्रोत्साहित किये जाने का खुला आरोप लगाया था।इन अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले क्षेत्रीय प्रभाग अधिकारी अविनाश जाधव को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराने की मांग की थी।मगर बर्खास्त तो दूर उन्हें निलंबित भी नही किया गया।उल्टे उनका सामान्य प्रशासन विभाग में भेज दिया गया।इसके अलावा बाकी की 5 मांगों में से एक भी पूरी नही हुई,फिर भी महापौर का पीछे हटना आश्चर्यचकित करने वाला है।