अमृतसर रेल हादसा: ट्रेन से कटकर 61 की मौत, आज पंजाब में राजकीय शोक, बंद रहेंगे स्कूल-दफ्तर,
नई दिल्ली: पंजाब के अमृतसर में शुक्रवार की शाम मौत की ऐसी रेल आई, जिसने करीब 60 से अधिक लोगों को काल के गाल में पहुंचा दिया. दरअसल, अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास शुक्रवार शाम दशहरा के मौके पर रावण दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी. लोग रेल की पटरियों पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे, तभी अचानक तेज रफ्तार में ट्रेन आई और सैकड़ों लोगों को कुचलती हुई चली गई. रेल पटरियों पर खड़े लोगों के ट्रेन की चपेट में आने से कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई जबकि 72 अन्य घायल हो गए. ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ. इस भयावह हादसे को देखते हुए पंजाब में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘अमृतसर रेल दुर्घटना के मद्देनजर प्रदेश में कल शोक रहेगा. सभी दफ्तर और शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे.’ बता दें कि मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे.
अमृतसरके प्रथम उपमंडलीय मजिस्ट्रेट राजेश शर्मा ने 61 लोगों की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने कहा था कि कम से कम 72 घायलों को अमृतसर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं रेलवे ने कहा कि अमृतसर में दुर्घटना स्थल के पास दशहरा कार्यक्रम करने की सूचना उसे नहीं दी गई थी. इसके लिए हमने कोई अनुमति नहीं दी थी. रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि दुर्घटना स्थल के पास लोगों का जमा होना अतिक्रमण का स्पष्ट मामला है.
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि रावण दहन और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल पटरियों की ओर बढ़ने लगे जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. उन्होंने बताया कि उसी वक्त दो विपरीत दिशाओं से एक साथ दो ट्रेनें आईं और लोगों को बचने का बहुत कम समय मिला. उन्होंने बताया कि एक ट्रेन की चपेट में कई लोग आ गए. इस घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई, बदहवास लोग अपने करीबियों को तलाशने लगे. क्षत-विक्षत शव घटना के घंटों बाद भी घटनास्थल पर पड़े थे क्योंकि नाराज लोग प्रशासन को शव हटाने नहीं दे रहे थे. कई शवों की पहचान भी नहीं हो सकी. जमीन पर क्षत-विक्षत शव पड़े हुए थे.
घटना के बाद लोगों ने नवजोत कौर सिद्धु के खिलाफ नारेबाजी की जो रावण दहन कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर वहां मौजूद थीं. हालांकि, नवजोत कौर ने इस बात से इनकार किया कि वह हादसे के वक्त वहां मौजूद थीं. उन्होंने बाद में कहा कि हादसे के फौरन बाद वह अस्पताल पहुंचीं. उन्होंने कहा कि रेलवे को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि दशहरा आयोजन के दौरान ट्रैक के इस खंड पर ट्रेन की रफ्तार धीमी रहे.
रावण दहन कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नवजोत कौर ने कहा कि इस त्रासदीपूर्ण घटना को लेकर राजनीति की जाना शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि “मैंने घर लौटने के बाद ही मौतों के बारे में सुना. मैंने पुलिस आयुक्त को फोन किया और पूछा कि क्या मुझे वापस आना चाहिए? लेकिन उन्होंने कहा कि वहां बहुत अराजक माहौल है. इसलिए मैंने फैसला किया कि मुझे कम से कम उन लोगों को बचाना चाहिए जो घायल हो गए हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है.”
एक गमगीन महिला ने कहा, ‘मैंने अपना नाबालिग बेटा खो दिया. मुझे मेरा बेटा लौटा दो.’ एक स्थानीय शख्स ने कहा, ‘कई बार हमने अधिकारियों और स्थानीय नेताओं से कहा है कि इस मुद्दे को रेलवे के साथ उठाएं कि दशहरे के दौरान फाटक के पास ट्रेनों की गति को कम रखा जाए, लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी.’ एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि पटाखों के शोर की वजह से लोगों को आ रही ट्रेन की आवाज नहीं सुन सकी.
इस बीच पंजाब सरकार ने शनिवार को एक दिन के शोक का ऐलान किया है. दफ्तर और शिक्षण संस्थान शनिवार को बंद रहेंगे. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने घटना की जांच के आदेश दिये हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अभी मुझे नहीं पता है कि रेलवे स्टेशन के बगल में रावण का यह पुतला क्यों बनाया गया था. लेकिन प्रशासन इसे देखेगा और जब कल मैं वहां जाउंगा तो हम इसकी जांच करेंगे.’ सिंह ने अपना तयशुदा इस्राइल दौरा स्थगित कर दिया है और वह शनिवार सुबह अमृतसर जा रहे हैं.
पंजाब सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिये पांच-पांच लाख रूपये के मुआवजे का भी ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने दुर्घटना में घायल हुए सभी लोगों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है. पीएम मोदी ने अधिकारियों को तत्काल सहायता पहुंचाने के निर्देश दिये हैं. मोदी ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिये दो-दो लाख रूपये और घायलों के लिये 50 हजार रूपये के मुआवजे का ऐलान किया है.
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, “पंजाब के अमृतसर में रेल की पटरी पर हुए हादसे की खबर सुनकर दुखी हूं…’ रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विश्वेष चौबे मौके पर थे. रेल मंत्री पीयूष गोयल फिलहाल अमेरिका में हैं और वह वहां अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर वापस लौट रहे हैं.
रेलवे ने अमृतसर में ट्रेन हादसे के पीड़ितों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. अधिकारियों ने बताया कि 01832223171 और 01832564485 नंबरों पर फोन करके हादसे के बारे में जानकारी ली जा सकती है. मनावला स्टेशन का फोन नंबर 0183-2440024, 0183-2402927 और फिरोजपुर का हेल्पलाइन नंबर 01632-1072 है.