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अभी भी सो रही है भारत सरकार , जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर से कैंसर , 760 करोड़ मुआवजा…….

अमेरिकी कोर्ट का 760 करोड़ मुआवजा देने का आदेश
भारत की सरकार अभी भी सो रही है

नई दिल्ली (ईएमएस)। जॉनसन एंड जॉनसन बेबी केयर के उत्पाद भारत में भी पिछले कई दशकों से बेच रही है लगभग 93 हजार करोड रुपए का व्यवसाय भारत में जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी करती है। पिछले 2 साल से जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के बेबी पाउडर और अन्य उत्पाद से कैंसर जैसी घातक बीमारियां होने के कई मामले सामने आए हैं।

पिछले 2 वर्षों में अमेरिका की कोर्ट में जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के खिलाफ 7 बड़े फैसले दिए हैं ।अमेरिका की कोर्ट ने इस कंपनी पर 5950 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है वहीं कई मामलों में पीड़ित पक्ष को करोड़ों रुपए का मुआवजा देने के आदेश अमेरिका की कोर्ट ने दिए हैं।
न्यू जर्सी के 46 वर्ष के इन्वेस्टमेंट बैंकर स्टीफन और उनकी पत्नी केंडरा ने जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर में मेसोथेलियोमा होने का दावा किया था। यह एक तरह का कैंसर है। जो पेट, दिल, ऊतक फेफड़ों एवं अन्य अंगों को कैंसर की बीमारी से प्रभावित करता है।

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स्टीफन लेंजो और उनकी पत्नी ने आरोप लगाया था कि वह पिछले 30 साल से कंपनी के बेबी पाउडर का उपयोग कर रहे हैं इसमें एसबेस्टस होने की वजह से मेसोथेलियोमा हो गया है। कंपनी ने अपने उत्पादों में कभी भी इस तरह की खतरे की जानकारी नहीं दी थी निचली कोर्ट ने
240 करोड रुपए का मुआवजा तय किया था किंतु उच्च अदालत ने इस मुआवजे को बढाकर 760 करोड रुपए कर दिया है।

भारत में जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी का लगभग 93000 करोड़ रुपए का व्यवसाय हर वर्ष करती है। छोटे छोटे से बच्चों के लिए जॉनसन एंड जॉनसन के उत्पादों का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है। भारत में भी मेसोथेलियोमा कैंसर के लाखों मरीज होने के बाद भी ना तो भारत सरकार ने अभी इस संबंध में कोई सुरक्षात्मक कदम उठाए हैं। नाही उपभोक्ताओं की तरफ से इस मामले में कोई पहल की गई है । जिसके कारण भारत में बड़ी तेजी के साथ जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के उत्पादों से कैंसर जैसी भयानक बीमारी से भारतीयों को जूझना पड़ रहा है। वहीं अमेरिका में कंपनी को अरबों रुपए का जुर्माना देना पड़ा है और पीड़ित पक्ष को मुआवजे के रूप में करोड़ों रुपए का हर्जाना देना पड़ रहा है।

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