अब राणे भी हुए कांग्रेस से नाराज, चुनाव प्रचार से रहेंगे दूर
मुंबई, 28 जनवरी = मुंबई महानगर पालिका का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, कांग्रेस पार्टी के नेताओं में आपसी नाराजगी सतह पर आती जा रही है। कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता गुरुदास कामत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने भी मुंबई कांग्रेस से अपनी नाराजगी जताते हुए मुंबई में चुनाव प्रचार न करने का निर्णय लिया है। राणे ने कहा कि संजय निरुपम सक्षम हैं, इसलिए वह मुंबई छोडक़र राज्य के अन्य जिलों में चुनाव प्रचार करेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यस्थान के प्रभारी गुरुदास कामत ने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम पर मनमानी काम करने का आरोप लगाया था और चुनाव से अपने आपको दूर रखने की घोषणा की थी। इसके बाद कामत को मनाने के लिए केंद्रीय कांग्रेस समिति की ओर से पर्यवेक्षक हुड्डा को भेजा गया था। हुड्डा ने राज्य के नेताओं की बैठक की थी, उसमें कामत उपस्थित नहीं हुए थे। हालांकि बाद में देर रात हुड्डा ने कामत से मुलाकात की और वापस दिल्ली लौट गए थे।
इस मिटिंग के बाद भी बात नहीं बनी और कामत समर्थक शिवसेना में शामिल होने लगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने संजय निरुपम को राकांपा के साथ चुनावी गठबंधन करने की सलाह दी थी। राणे के प्रयास से ठाणे जिले में कांग्रेस व राकांपा के बीच चुनावी गठबंधन हुआ है। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने राणे की सलाह न मानते हुए मुंबई में राकांपा के साथ चुनावी गठबंधन न किया जाने की घोषणा कर दी जिससे राणे नाराज बताए जा रहे हैं। इसी तरह संजय निरुपम से नाराज होकर पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह के समर्थक निजामुद्दीन राईन, सांसद प्रिया दत्त के समर्थक पूर्व विधायक कृष्णा हेगड़े कांग्रेस छोड़ चुके हैं।
इतना ही नहीं संजय निरुपम से राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार भी नाराज हो गए हैं, इसे देखते हुए आगामी मुंबई महानगर पालिका चुनाव में कांग्रेस चुनाव से पहले ही अपने दीगर नेताओं की नाराजगी का दंश झेल रही है।