पटना, सनाउल हक़ चंचल-
पटना : अब रक्तदान महादान नहीं कहा जा सकेगा क्योंकि केंद्र सरकार ने अब खून पर भी जीएसटी लगाने की तैयारी कर ली है. केंद्र सरकार ने खून की किट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया है. 1 जनवरी से देश भर में खून पर जीएसटी लागू कर दिया जाएगा. जीएसटी लगने से खून की थैली तकरीबन 200 रुपए महंगी हो जाएगी और यह सीधे तौर पर गरीब मरीजों की जेब पर डाका होगा. खून पर जीएसटी लगाने का जहां आम जनता व एनजीओ विरोध कर रहे हैं तो वहीं प्रदेश सरकारें चुप बैठी हुई हैं.
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी से खून को एकत्र करने वाले बैग व अन्य सामग्रियों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया है. खून पर जीएसटी को वापस लेने की मांग भी उठने लगी है. खुद डाक्टर इस बात का विरोध जता रहे हैं कि खून को महादान का दर्जा दिया गया है, ऐसे में इसे जीएसटी मुक्त रखा जाना चाहिए. अभी 1 यूनिट ब्लड की कीमत 1,050 रुपए है. जीएसटी लगने के बाद यह और महंगा होगा. एक माह में पूरे देश में करीब 15 लाख यूनिट खून इकट्ठा होता है.
ब्लड का मामला सीधे तौर पर मरीजों से जुड़ा होता है. रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर काफी प्रयास किए जाते हैं. इसके विपरीत खून इकट्ठा करने वाली किट व अन्य सामग्रियों को जीएसटी लगाकर महंगा किया जाता है तो यह सीधे-सीधे मरीजों के साथ खिलवाड़ होगा. यही कारण है कि जीएसटी के विरोधी स्वर इसके लागू होने से पहले ही तेज होने लगे हैं. इस संबंध में कई डाक्टरों का कहना है कि ब्लड को तो केंद्र सरकार को सबसिडी या किसी अन्य फार्मूले से सस्ता करना चाहिए. इसे महंगा करना मरीजों के साथ धोखा है.
ब्लड कैरी बैग और प्लेटलेट कैरी बैग पर पहले जीरो प्रतिशत टैक्स था, जिस पर अब सरकार 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने जा रही है. इसके अलावा एचबी पर पहले 5.5 प्रतिशत टैक्स था जो अब 18 प्रतिशत हो जाएगा. ऐसे ही गलास स्लाइट पर 14 प्रतिशत से 18 प्रतिशत, स्प्रिट पर 5.5 प्रतिशत से 18 प्रतिशत, टैस्ट टेप पर 14.5 प्रतिशत से 18 प्रतिशत, ट्रेस्पोर टेप पर 5.5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत, बैंडेड पर 5.5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत टैक्स हो जाएगा.