काबुल, 15 अप्रैल (हि.स.)। अफ़ग़ानिस्तान के नांगरहार प्रांत में सरकार हिंदू और सिख बच्चों के लिए अलग से पढ़ाई की व्यवस्था करने जा रही है। यह जानकारी शनिवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
बीबीसी के अनुसार, यहां अल्पसंख्यक हिंदू और सिख ने शिकायत की थी कि उनके बच्चों की पढ़ाई चौपट हो रही है। उनका कहना था कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच धार्मिक फासला ज़्यादा है। ऐसे में कक्षा में उनके बच्चों को पढ़ाई में काफ़ी परेशानी होती है।
यही वजह है कि सरकार ने अल्पसंख्यकों के बच्चों के लिए नंगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में अलग स्कूल खोलने का फैसला किया है। प्रांतीय गवर्नर गुलाब मंगल ने इस विशेष स्कूल का शिलान्यास भी कर दिया है और छह महीने के अंदर स्कूल में पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
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हालांकि जलालाबाद में हिन्दू और सिखों की आबादी ज्यादा नहीं है, फिर भी , बैसाखी त्योहार पर अल्पसंख्यक समुदाय ने सरकार के इस तोहफे का स्वागत किया है। कुछ दशक पहले तक जलालाबाद में हज़ारों हिंदू और सिख परिवार रहते थे। लेकिन अब यह संख्या 150 परिवारों तक ही सीमित रह गई है।
विदित हो कि पूर्वी अफगानिस्तान के सरकारी स्कूलों में हिंदू और सिख बच्चों को सताया जाता है और इनके लिए अलग स्कूल नहीं होने से अल्पसंख्यक समुदायों में निरक्षरता तेजी से बढ़ रही है। बीबीसी से आठ साल के एक सिख बच्चे ने कहा कि यहां के सरकारी स्कूल में सिख बच्चों को परेशान किया जाता है।