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अनूठा सहयोग : देखिये अंतरिक्ष से चंद्रग्रहण का अनोखा नज़ारा , कई घटनाएं एक साथ …..

नई दिल्ली: आज साल का पहला चंद्रग्रहण लग रहा है. साल के पहले चंद्रग्रहण को लेकर देश के कोने-कोने में उत्सुकता देखने को मिल रही है. यह चंद्रग्रहण इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन तीन खगोलीय घटनाएं एक साथ हो रही हैं- ब्‍लडमून, सुपरमून, और ब्‍लूमून. यही वजह है कि साल 2018 में के इस चंद्रग्रहण की महत्ता और भी बढ़ गई है. चंद्रग्रहण 4 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो चुका है. यही वो समय था जब चांद ने पृथ्‍वी की कक्षा में प्रवेश किया. शाम 6 बजकर 21 मिनट पर पृथ्वी की छाया चांद पर होगी और अंधेरा छाया रहेगा. 

दुनिया भर में अब चंद्रग्रहण दिखना शुरू हो गया है. जिसकी तस्वीरें भी अब आने लगी हैं. अंतरिक्ष एजेंसी नासा इसकी तस्वीरें और वीडियो भी लगातार जारी कर रहा है. ये तस्वीरें आसमान के अद्भुत नजारें का दीदार करा रही हैं. 

super moon

क्या होता है सुपरमून?
चांद और धरती के बीच की दूरी सबसे कम हो जाती है और चंद्रमा अपने पूरे शबाब पर चमकता दिखाई देता है. यह पिछले साल 3 दिसंबर को भी दिखाई दिया था. चांद की तुलना में 14 फीसद ज्यादा बड़ा और 30 फीसद तक ज्यादा चमकीला दिखेगा. इस महीने पूर्ण चंद्रमा दिखने की घटना हो रही है. इस कारण इसे ब्लू मून भी कहा जा रहा है.

क्या होता है ब्लू मून
NASA के मुताबिक, ब्लू मून ढाई साल में एक बार नजर आता है. स्पेस डॉट कॉम की खबर के मुताबिक चंद्रमा के नीचे का हिस्सा ऊपरी हिस्से की तुलना में ज्यादा चमकीला दिखाई देता है और नीली रोशनी फेंकता है. आज के बाद ये 2028 और 2037 में देखने को मिलेगा.

ब्‍लड मून
चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी एवं चंद्रमा ऐसी स्थिति में होते हैं कि कुछ समय के लिए पूरा चांद अंतरिक्ष में धरती की छाया से गुजरता है. लेकिन पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरते वक्त सूर्य की लालिमा वायुमंडल में बिखर जाती है और चंद्रमा की सतह पर पड़ती है. इसे ब्लड मून भी कहा जाता है. ये तीनों घटनाएं एक ही दिन हो रही हैं, इसलिए इसे सुपर ब्लू ब्लड मून भी कहा जा रहा है.

चंद्र ग्रहण में क्‍या सावधानी बरतनी चाहिए?
चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण आते ही इसे देखने के लिए कई गाइड लाइन्स बना दी जाती हैं. हर कोई अलग-अलग बाते कहता है कि इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं. इसके साथ इसे देखने से होने वाले कई नुकसानों के बारे में भी बताया जाता है कि ग्रहण देखने से आंखों की रोशनी पर फर्क पड़ता है. धुंधला दिखाई देता है या फिर धुंधलापन हमेशा के लिए रह जाता है.

आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण के दौरान सोलर रेडिएशन से आंखों के नाजुक टिशू डैमेज हो जाते है, जिस वजह से आखों में विजन – इशू यानि देखने में दिक्कत हो सकती है. इसे रेटिनल सनबर्न भी कहते हैं. ये परेशानी कुछ वक्त या फिर हमेशा के लिए भी हो सकती है. लेकिन चंद्र ग्रहण के दौरान ऐसा नहीं होता. इस दिन चांद को खुली आंखों से देखने से कोई नुकसान नहीं होता. सूर्य ग्रहण की तरह आपको इसे चश्मों के साथ देखने की ज़रूरत नहीं. बल्कि आप चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देख सकते हैं.

चंद ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं?

ज्योतिषों और पंडितों के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि ग्रहण के वक्त खुले आकाश में ना निकलें, खासकर प्रेग्नेंट महिलाएं, बुजुर्ग, रोगी और बच्चे. ग्रहण से पहले या बाद में ही खाना खाएं. इसके साथ ही  किसी भी तरह का शुभ कार्य ना करें और पूजा भी ना करें. इसी वजह से ग्रहण के दौरान मंदिर के द्वार भी बंद कर दिए जाते हैं. इसके विपरित ग्रहण के दौरान दान देना चाहिए. ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए दुर्गा चालीसा या श्रीमदभागवत गीता आदि का पाठ भी करें और जो लोग साढ़े-साती से परेशान हो तो शनि मंत्र का जाप करें या फिर हनुमान चालीसा पढ़ें. 

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