नई दिल्ली = अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 17 महीने का सबसे बड़ा इजाफा हुआ है। कच्चे तेल की कीमत 57 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है, जो 2015 के मध्य का अब तक का कीमतों में सबसे बड़ा उछाल है। तेल सेक्टर के विशेषज्ञों की मानें तो ये ओपेक के कच्चा तेल उत्पादन में छह महीने तक प्रतिदिन की जाने वाली कटौती को लेकर हुए समझौते के चलते हुआ है।
सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल देखा गया। कच्चे तेल की कीमत 17 महीने के अपने अधिकतम स्तर पर पहुंच गई। तेल कीमतें 57 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुंच गई है। सेक्टर के विशेषज्ञों का मानना है कि हाल ही तेल निर्यातक देशों के संगठन, ओपेक के सदस्य देशों ने तेल कीमतों में संतुलन लाने के लिए तेल उत्पादन में कटौती करने का फैसला किया है। हाल ही में दिल्ली में हुए पेट्रोटेक में ओपेक के महासचिव ने हिंदुस्थान समाचार को बताया था कि ओपेक सदस्य देश 1 जनवरी, 2017 से अगले छह महीने तक अपने तेल उत्पादन में प्रतिदिन 1.2 मिलियन बैरल की कटौती करेंगे। ओपेक महासचिव का कहना था कि ये कटौती अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में संतुलन लाने के लिए की जा रही है। पहले ओपेक और गैर-ओपेक देश इस समझौते के लिए राजी नही थे, लेकिन अब जब रूस, ईरान, सऊदी अरब जैसे बड़े देश तेल कटौती के लिए राजी हो गए हैं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका असर देखा जा रहा है।
बताते चले कि ओपेक सदस्य देश दुनिया के एक तिहाई पेट्रोलियम बाजार पर सीधा नियंत्रण रखते हैं।