राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा की पुस्तक बेलाग-लपेट का विमोचन.
चंडीगढ़, 18 जनवरी= पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने साहित्यकारों, लेखकों तथा बुद्धिजीवियों का आह्वान किया है वह एक ऐसा लिट फेस्ट् आयोजित करें जो सेना एवं सैन्य अधिकारियों को समर्पित हो। बदनौर बुधवार को यहां राजभवन प्रेक्षागृह में हिंदुस्थान समाचार समूह के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद रवींद्र किशोर सिन्हा की पुस्तक ‘बेलाग-लपेट’ का विमोचन करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने बतौर राज्यसभा सांसद सिन्हा के साथ व्यतीत किए गए समय को याद करते हुए कहा कि लेखक समाज की विचारधारा को बदलने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। राज्यपाल ने युवा लेखकों को लेखन कार्य बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि सेना में रहते हुए सैन्य अधिकारियों के ढेरों अनुभव रहते हैं जिनके बारे में आम लोगों को जानकारी होना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सिन्हा की पुस्तक पढ़ऩे से चार दशकों का इतिहास जीवंत हो उठता है। इस पुस्तक में जितने भी लेख हैं वह सभी समाज को आईना दिखाते हैं और पाठक को एक सुखद अहसास कराते है। उन्होंने पुस्तक के लेखक आरके सिन्हा को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम के दौरान ‘बेलाग-लपेट’ का परिचय करवाते हुए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश भारद्वाज ने कहा कि इस किताब के माध्यम से शराबबंदी जैसे मुद्दों को छूने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि आरके सिन्हा की कृति का अध्ययन करने से समाज और देश के बहुत सारे गूढ़ रहस्यों को आसानी से समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसी तरह कालेधन पर जो लेख सिन्हा जी ने लिखा है उसकी परिणति आज हो रही है जबकि लेखक की दूरदृष्टि ने उसे सालों पहले देख लिया था।
इस अवसर पर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय ने कहा कि पुस्तक ‘बेलाग लपेट’ लेखन के उच्च मानदंडों पर बिल्कुल खरी उतरती है। इसमें संकलित लेख बेहद समसामयिक हैं। इसमें जिस चीन निर्मित सामान के प्रयोग से बचने की चर्चा छह महीने पहले की गई है वह आज पूरी तरह से सत्य साबित हुई। उन्होंने कहा कि इस तरह की पुस्तकों का आना समाज के लिए सुखद संकेत है।
‘बेलाग लपेट’ के लेखक और सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि मैं अपने पांच दशक के पत्रकारीय लेखन और अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि ईमानदारी और तटस्थता के बिना कुछ भी पठनीय लिखना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि एक लेखक को जो भी कार्य करना हो वह पूरी ईमानदारी, तटस्थता और समर्पण के साथ करना चाहिए।
आरके सिन्हा ने मीडिया की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि आज मीडिया पर भगवान भी कोई नियंत्रण नहीं लगा सकते। मीडिया की स्वतंत्रता किसी भी लोकतंत्र की अनिवार्य आवश्यकता है लेकिन मीडिया को भी स्वनियमन और नियंत्रण का अभ्यास करना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन हिंदुस्थान समाचार के प्रधान संपादक राकेश मंजुल ने किया और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के ओएसडी राजकुमार भारद्वाज ने आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चौहान, चंडीगढ़ की मेयर आशा जसवाल, पूर्व सांसद सत्यपाल जैन, इग्नू के निदेशक डॉ.धर्मपाल, पीएचडी चैंबर के अतिरिक्त निदेशक आर.सी. पाहूजा, प्रो. प्रियंका शर्मा, प्रो. अंजलि खुराना और भाजपा नेत्री रेनु कौर सैनी समेत बड़ी संख्या में गण्यमान्य लोग मौजूद थे।