सुप्रीम कोर्ट का यूनिटेक को राहत से इनकार
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय चंद्रा को आज भी कोई राहत देने से इनकार कर दिया है । संजय चंद्रा की अंतरिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संजय चंद्रा की जमानत के लिए यूनिटेक को 1865 करोड़ रुपए में से कम से कम एक हजार करोड़ रुपए जमा करने होंगे। आज सुनवाई के दौरान इस मामले के एमिकस क्यूरी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यूनिटेक को 962 फ्लैट खरीददारों के 1865 करोड़ रुपए लौटाने हैं।
उल्लेखनीय है कि 21 सितंबर को हुई पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट खरीददारों से पूछा था कि आप घर खरीदना चाहते हैं या पैसा वापस चाहते हैं । याद रहे कि इससे एक दिन पहले ही 20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक को आदेश दिया था कि वो गुरुग्राम विस्ता के 39 फ्लैट खरीददारों को आठ हफ्ते के भीतर ब्याज के रूप में 80-80 हजार रुपए का भुगतान करे। इससे पहले 15 सितंबर को कोर्ट ने यूनिटेक को निर्देश दिया था कि वह फ्लैट के लिए निवेश करने वालों की सूची दे। ऐसे निवेशकों की जो अब अपना पैसा वापस मांग रहे हैं और ऐसे निवेशकों की भी जो पैसा नहीं, फ्लैट ही चाहते हैं।
इससे पहले 8 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक से कहा था कि वे फ्लैट खरीददारों को 31 मार्च, 2018 तक या तो फ्लैट दे दें या उनके पैसे लौटा दें। अगर पैसे लौटाना चाहते हैं तो एक समयावधि में सुप्रीम कोर्ट में पैसे जमा करें। सुप्रीम कोर्ट ने संजय चंद्रा को निर्देश दिया था कि वे हाउसिंग स्कीम और प्लाटों के लिए ली गई रकम का पूरा ब्यौरा दें। कोर्ट ने कहा था कि पैसे वापस चाहने वालों को पैसा लौटाया जाएगा और फ्लैट चाहने वालों को फ्लैट । पिछले 1 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने चंद्रा को निर्देश दिया था कि वे पांच करोड़ रुपए और जमा करें। चंद्रा ने 15 करोड़ रुपए पहले ही जमा कर दिए थे।
पिछले 16 अगस्त को चंद्रा ने सुनवाई के दौरान कहा था कि वे फ्लैट खरीददारों के पैसे लौटाने के लिए अपना मकान बेच देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि निवेशकों द्वारा संजय चंद्रा के खिलाफ दायर मामलों की जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें।
सुनवाई के दौरान संजय चंद्रा ने कहा था कि वे जिन फ्लैट धारकों को समय पर फ्लैट नहीं दे सके उनकी रकम वापस लौटाना चाहते हैं। अगर इसके लिए जरूरत पड़ी तो वे विदेश जाकर पैसे का इंतजाम कर सकते हैं ।