सीरिया पर अमेरिका-फ्रांस और ब्रिटेन का संयुक्त हमला , रूस ने किया विरोध
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वॉशिंगटन (ईएमएस)। सीरिया पर हुए रासायनिक हमले पर अमेरिका ने बड़ी कार्रवाई कर दी है। अमेरिका ने सीरिया पर हवाई हमला किया है। इस अमेरिकी कार्रवाई में फ्रांस और इंग्लैड भी शामिल हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया पर एयर स्ट्राइक का आदेश दिया। हाल में सीरिया द्वारा रसायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर अमेरिका ने असद सरकार को चेतावनी दी थी। इस हमले में बच्चों सहित 75 लोग मारे गए थे। रासायनिक हमले से गुस्साए ट्रंप ने सीरिया के राष्ट्रपति असद को ‘जानवर’ कहकर संबोधित किया था। 12 अप्रैल को सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने सीरिया पर हमले को लेकर पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा था कि डौमा पर संदिग्ध रासायनिक हमले के अमेरिकी आरोप गलत और झूठे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया हमले को लेकर रूस को भी घेरा है। ट्रंप ने कहा, ‘सीरिया पर हुआ हमला अमेरिका के राष्ट्रपति असद के रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को रोकने की रूस की विफलता का परिणाम है।’ ट्रंप ने कहा है सीरिया के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई को ब्रिटेन और फ्रांस का समर्थन है।
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया की स्थिति पर आज सुबह 6:30 बजे देश को संबोधित किया| उन्होंने कहा कि दमिश्क के बाहर रासायनिक हमले का जवाब देने की योजना कैसे बना रहे हैं। ट्रंप ने अपने वरिष्ठ सैन्य सलाहकारों के साथ पिछले कुछ दिन चर्चा की उसके बाद डूमा में हुए घातक हमले के बाद कार्रवाई करने का फैसला करने के लिए फ्रांस और ब्रिटेन के सहयोगियों से बात की। डूमा पूर्वी घौटा के पूर्व विद्रोही-आयोजित गढ़ में सबसे बड़ा शहर है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के संयुक्त हमले के बाद सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद ने ट्वीट किया, ‘अच्छी आत्माओं को दबाया नहीं जा सकता है। रूस ने भी अमेरिका के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। अमेरिका में रूसी दूतावास ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीरिया पर हवाई हमले से रूस और अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के बीच टकराव होने से तृतीय विश्व युद्ध की आशंका बढ़ गई है।
सीरियाइ सीमा के नजदीक अमेरिकी विमानों की गतिविधि एक सप्ताह पूर्व से चल रही थी| वहां नजदीक ही मेमीम में रूसी एयरबेस और टारटस में नेवल बेस है। इटली के सिसिलिया स्थित अमेरिकी एयरबेस से उड़े छह पी-8 ए और ग्रीस के अमेरिकी अड्डे से उड़े एक ईपी-3ई विमान ने सीरिया के समुद्री तट के नजदीक से गुजरे थे। करीब आठ साल से सीरिया दुनिया की सैन्य ताकतों के लिए लड़ाई का मैदान बना हुआ है। सीरिया की बशर अल असद सरकार को अमेरिका हटाना चाहता है, वहीं रूस उसे बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। दोनों महाशक्तियों के साथ कई अन्य देश भी यहां हो रहे टकराव में शामिल हो गये हैं|
अमेरिका के इस हमले से विश्व शक्तियां2 भागों में बंट रही हैं| अमेरिका इस हमले के पूर्व संयुक्त राष्ट्र संघ और सुरक्षा परिषद को भी विश्वास में नहीं लिया| जिसके कारण परिणाम घातक हो सकते हैं|