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सीमाओं का सुरक्षित होना देश की अस्मिता के लिए आवश्यक: राज्यपाल

लखनऊ, 15 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने गुरुवार को लखनऊ पब्लिक स्कूल में सीमा जागरण मंच द्वारा आयोजित वाद-विवाद एवं निबन्ध प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि देश की सीमाओं का सुरक्षित होना देश की अस्मिता और सम्मान के लिए आवश्यक है। सैनिकों के त्याग और बलिदान के कारण ही देशवासी सुख और शांति का जीवन व्यतीत करते हैं। सेना देश के लिए क्या करती है यह जानकार समाज में एक भावनात्मक जुड़ाव पैदा होगा। उन्होंने कहा कि विपरीत और विषम परिस्थितियों से जूझकर हमारे सैनिक हमें सुरक्षित रहने का अहसास कराते हैं। पर्यटक जिस तरह ऐतिहासिक स्थल देखने जाते हैं, उसी तरह देश पर शहीद होने वालों के सम्मान में निर्मित स्मृतिका को भी देखें। छात्र-छात्राओं और युवाओं को सेना और सेना के शहीदों से जुड़े स्थल दिखाए जाएं ताकि उन्हें देशभक्ति की प्रेरणा मिले। सेना के लोग अपने शहीदों को कितना सम्मान देते हैं, स्मृतिका जाकर यह देखने को मिलता है। 

राज्यपाल ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की है कि पुरस्कार प्राप्त करने वाले 18 विद्यार्थियों में 14 छात्राएं हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं। उन्होंने बताया कि 1954 में जब उन्होंने बीकॉम की परीक्षा पास की थी, तब 150 छात्रों में केवल 4 छात्राएं थीं। आज 45 प्रतिशत छात्राएं स्नातक कक्षाओं में हैं। कुलाधिपति के तौर पर उन्होंने पाया कि उत्कृष्ट प्रदर्शन कर 65 प्रतिशत पदक छात्राएं प्राप्त कर रही हैं। आज हर क्षेत्र में महिलाएं प्रतिनिधित्व कर रही हैं। पूर्व में छात्राएं केवल नर्सिंग और शिक्षण के क्षेत्र में सेवा करती थीं, जबकि अब प्रशासनिक सेवा से लेकर सेना तक में महिलाएं हैं। गर्व की बात यह भी है कि हमारे देश की रक्षा मंत्री भी महिला हैं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए यह एक शुभ संकेत है।

राज्यपाल ने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी अपने धर्म का पालन करें। विद्यार्थी का धर्म पढ़ाई और ज्ञान अर्जन करना है। पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें क्योंकि आगे बढ़ने के लिए ज्ञान और स्वास्थ्य दोनों जरूरी है। कड़े परिश्रम, प्रमाणिकता और पारदर्शिता से ही सफलता प्राप्त होगी तथा असफलता से घबराये नहीं बल्कि आत्म परीक्षण करके दोबारा प्रयास करें। 

इस मौके पर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह ने कहा कि सेना प्रत्यक्ष रूप से काम करती है और परोक्ष रूप से सीमा जागरण मंच काम करता है। उन्होंने सीमा जागरण मंच के कार्यकलापों की सराहना करते हुए कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं। इस दृष्टि से बच्चों के भविष्य को मजबूत करने की भी आवश्यकता है।

विशिष्ट अतिथि डाॅ हरमेश चौहान ने सीमा जागरण मंच के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों को देशभक्ति के संस्कार दें, जिससे वे अपने कर्तव्य को जानें। महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, वीर सावरकर ने देश की स्वतंत्रता के लिए जो प्रयास किए थे उसके प्रति समाज की भी जिम्मेदारी बनती है। कार्यक्रम में सांसद कौशल किशोर ने भी अपने विचार रखे।

इस मौके नर श्रीकांत शुक्ला ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा अष्टभुजा पाठक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। पुरस्कार पाने वालों में राखी श्रीवास्तव, तन्मय गुप्ता, साक्षी, जान्वही शुक्ला, देवांशी, सुधाकर वर्मा, प्रिया बाजपेई, निधि आर्या, परिमलिक, पलक गुप्ता, हिमांशु रावत, अंशिका, प्राची दुबे, समीक्षा चौहान, ज्योति साहू, प्रज्ञा मिश्रा, जागृति सिंह आदि शामिल है। सांत्वना पुरस्कार प्रिया, मो. आजम खां एवं सानिया खातून को मिला। कार्यक्रम में अन्य पदाधिकारियों व निर्णायक मण्डल के सदस्यों को सम्मनित किया गया। प्रतियोगिता तीन श्रेणी क्रमशः कक्षा 5 से 8, कक्षा 9 से 12 तथा स्नातक से परास्नातक तक के विद्याथियों के मध्य आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग प्रदेश के 80 हजार से छात्र-छात्राओं ने सहभाग किया था।

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