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सवर्णों के भारत बंद के दौरान बिहार में बवाल , ट्रेनों का परिचालन ठप, आगजनी, फायरिंग में 7 पुलिस समेत डेढ दर्जन से अधिक लोग घायल

– सवर्णों के भारत बंद के चलते सभी राज्यों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
— राजस्थान में धारा 144 लगाई
– मप्र के भिंड, मुरैना और ग्वालियर में कर्फ्यू
– उप्र के हापुड़ में इंटरनेट सेवाएं स्थगित

नई दिल्ली (ईएमएस)। सवर्णों के संगठनों द्वारा सोशल मीडिया पर मंगलवार को भारत बंद के ऐलान को लेकर देश के अनेक राज्यों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। गृह मंत्रालय की ओर से भारत बंद को लेकर जारी की गई एडवाइजरी और दो अप्रैल को हिंसा की तमाम घटनाओं के बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम हिस्सों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। इस बीच बिहार के अनेक इलाकों में प्रदर्शन के दौरान फायरिंग, ट्रेन परिचालन ठप करने और आगजनी की खबर है। आरा में हुई फायरिंग में सात पुलिस वालों समेत डेढ़ दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए।

प्रशासन ने किए कड़े सुरक्षा प्रबंध

बंद को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। मध्य प्रदेश के अनेक संवेदनशील जिलों में प्रशासन ने कर्फ्यू लगाया है, जबकि राजस्थान में धारा 144 लागू करते हुए कई हिस्सों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं। हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर को विशेष रूप से संवेदनशील माना गया। हापुड़ को विशेष रूप से संवेदनशील मानते हुए प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

गृहमंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

दरअसल, एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दो अप्रैल को दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था। दो अप्रैल को आयोजित भारत बंद के दौरान देश के तमाम हिस्सों में भारी हिंसा हुई थी। हिंसा का सबसे ज्यादा असर मध्यप्रदेश और राजस्थान में देखा गया था। इसके बाद ही प्रतिक्रिया स्वरूप सोशल मीडिया पर 10 अप्रैल को एक और भारत बंद का ऐलान किया गया। कुछ संगठनों और लोगों ने सोशल मीडिया पर मैसेज पोस्ट कर आरक्षण के खिलाफ एकजुट होने और प्रदर्शन में हिस्सा लेने की अपील की।

केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी करते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। मंत्रालय ने राज्य सरकारों को सुरक्षा के जरूरी प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं, ताकि बंद के दौरान किसी तरह के उत्पात और जानमाल की क्षति को रोका जा सके। मंत्रालय ने कहा है कि अगर किसी जिले में हिंसा होती है, तो इसके लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार माना जाएगा।

इस अडवाइजरी के मद्देनजर सोमवार दोपहर से ही राजस्थान, मध्यप्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अनेक हिस्सों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

मप्र में विशेष सुरक्षा प्रबंध

दो अप्रैल के भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के मद्देनजर मध्य प्रदेश में प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए हैं। खासतौर पर भिंड, मुरैना और ग्वालियर जिले में प्रशासन द्वारा कर्फ्यू और धारा 144 लगाई गई है। पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, बंद की दृष्टि से मध्य प्रदेश के कुल 13 जिले संवेदनशील माने गए हैं, लेकिन भिंड मुरैना और ग्वालियर में सबसे ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। भिंड और मुरैना में सोमवार रात से ही कर्फ्यू लगा दिया गया है, वहीं ग्वालियर में दिन में धारा 144 और रात में कर्फ्यू रहने की घोषणा की गई है। इन तीनों जिलों में सभी लाइसेंसी हथियार जमा करा लिए गए हैं। इसके लिए साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है।

हिंसा के बाद आरा में धारा 144 लागू

बिहार से मिले समाचार में बताया गया है कि आरा में राजगीर से दिल्ली जा रही श्रमजीवी एक्सप्रेस को प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया। आरा में आरक्षण समर्थक और विरोधियों के बीच हुई भिडंत में फायरिंग हुई में जिसमें सात पुलिस वालों समेत डेढ़ दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। आरा-बक्सर रोड पर प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं और वाहनों की आवाजाही को पूरी तरह ठप कर दिया है। हिंसा के बाद आरा में धारा 144 लागू कर दी गई है। कैमूर जिले में नेशनल हाईवे 219 पर भी प्रदर्शनकारियों ने आरक्षण विरोधी नारेबाजी करते हुए राजमार्ग जाम कर दिया। मुजफ्फरपुर में पटना हाईवे पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा जमा लिया है। बंद के मद्देनजर दरभंगा की ललित नारायण मिश्रा यूनिवर्सिटी में बीए की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है।

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