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संसद पर हमले की 16वीं बरसी पर एकजुट हुए सभी राजनितिक दल , मनमोहन से मिले मोदी तो, राहुल से मिले……..

नई दिल्ली, 13 दिसम्बर : भारतीय संसद भवन पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमले की 16वीं वर्षगांठ पर बुधवार को संसद भवन परिसर में स्मृति कार्यक्रम आयोजित किया गया।

PM मोदी ने ट्विट कर दी  श्रद्धांजलि

उस आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय जांबाजों को श्रद्धांजलि देने के लिए देश के उपराष्ट्रपति व प्रधानमंत्री सहित समूचा राजनीतिक नेतृत्व आज संसद भवन पहुंचा।

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उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष समित्रा महाजन, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज,  भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस की निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली सहित सत्ता व विपक्ष के कई बड़े नेता देश के जवानों की शहादत को सम्मान देने के लिए संसद परिसर में एक साथ दिखे।

तो वही PM मोदी से  पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मिले , तो दूसरी  तरफ एक दुसरे पर जुबानी जंग करने वाले  रविशंकर प्रसाद राहुल गाँधी से मिलते दिखे .

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गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर जवानों के साहस को नमन  किया 

इससे पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर जवानों के साहस को नमन करते हुए कहा, ‘जिन्होंने 13 दिसंबर, 2001 को भारत के लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया, उन्हें नमन करता हूँ।’

ट्वीटर ने अल्पेश-मोदी के बहाने चखा मशरूम का स्वाद 

वहीं अरुण जेटली ने भी संसद हमले में शहीद हुए जवानों को याद किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘ 13 दिसंबर, 2001 को हमारे बहादुर सैनिकों ने संसद भवन पर हुए आतंकी हमले को नाकामयाब कर अनुकरणीय साहस दिखाया। हम सुरक्षाबलों की वीरता और राष्ट्रीय सेवा को सलाम करते हैं और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।’

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संसद भवन परिसर में आयोजित संक्षिप्त समारोह में उस आतंकवादी हमले में मारे गए शहीदों के चित्र लगाकर उन पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। सुरक्षा बलों की एक टुकड़ी ने उन्हें सैल्यूट किया। इस अवसर पर शहीदों के परिजन भी उपस्थित थे। उपराष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने उनसे मिलकर कुशलक्षेम पूछी। इस अवसर पर संसद भवन परिसर में एक ब्लड डोनेशन कैम्प भी लगाया गया। 

उल्लेखनीय है कि 13 दिसम्बर, 2001 को पाकिस्तान के पाले-पोसे आतंकवादियों ने ए.के.47 व भारी विस्फोटक से लदी एक कार पर सवार होकर भारत के संसद संसद भवन पर हमला किया था। वे संसद भवन के भीतर घुसकर भारत के शीर्ष नेतृत्व का खात्मा करना चाहते थे। लेकिन संसद की सुरक्षा में तैनात दिल्ली पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों के साथ संसद के सुरक्षाकर्मियों (वॉच एंड वार्ड ) ने उन पांचों आतंकवादियों को संसद भवन परिसर में ही ढेर कर दिया। उन्हें संसद भवन के भीतर नहीं घुसने दिया। उस समय संसद के भीतर देश के तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस सहित अनेक मंत्री व 200 से ज्यादा सांसद मौजूद थे।

उस आतंकवादी हमलावरों को मार गिराने में दिल्ली पुलिस के पांच सुरक्षाकर्मी, केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ़) की एक महिला सुरक्षाकर्मी, राज्यसभा सचिवालय के दो कर्मचारी और एक माली शहीद हुए थे। हर वर्ष उनकी स्मृति में यह आयोजन किया जाता है। सामान्य तौर पर 13 दिसम्बर को संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा होता है। यह पहला अवसर है जब सत्र नहीं चल रहा है। (हि.स.) 

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