शीर्षासन करने के लाभ और उसके तरीके.
योगा : देखा जाय तो योगा करने से हमारे शरीर को कई फायदे होते है, योगा में एक आसन है शीर्षासन, इस आसन को सिर के बल किया जाता है इसलिए इसे शीर्षासन कहते हैं, इस आसन को वृक्षासन और कपालासन के नाम से भी जाना जाता है ,वैसे तो देखने में बड़ा आसन सा दिखने वाला शीर्षासन काफी कठिन है .लेकिन इस आसन से मिलने वाले फायदे को देख कर आप हैरान हो जायेगे और कहेगे की हमने फहले क्यों नहीं शुरू किया यह आसन . इसके जानकार कहते हैं कि इस आसन का नियमित अभ्यास करने वाला व्यक्ति जल्दी बूढ़ा नहीं होता और ऐसी कई बीमारिया ही जिससे आप को छुटकारा मिल जाएगा । इस आसन का नियमित अभ्यास जरूर करें और हां ध्यान रखें हो सके तो इसे शुरू करने के पहले किसी स्पर्ट का की सलाह जरुर ले जो आप को ज्यादा लाभ दायक रहेगा .
शीर्षासन की शुरुवात कैसे करें.
शीर्षासन करने के लिए के सबसे पहले तो एक समतल तथा साफ़ स्थान का चयन करे और उस पर कंबल या दरी, चद्दर व अन्य कोई नरम और हल्का कपडे को को गोलाई में मोड़ कर उसे पगड़ी बना लें या उसे कई पर्तो में मोड़ ले . तकिये का भी आप उपयोग कर सकते है जो आप के लिए बहुत आसान होगा लेकिन वह तकिया नरम होनी चाहिए . उसके बाद आप वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं, आपको इस तरह बैठना है की आगे की ओर झुकने के लिए आपके पास भरपूर जगह हो। फिर आगे की तरफ झुके और दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें और दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ लें या आपस में आपस में फंसा लें . ताकि आप सिर को सहारा दे सके फिर सिर को दोनों हथेलियों के मध्य धीरे-धीरे रखें .इस दौरान अपनी सांस सामान्य रखें और जल्दवाजी न करे अब सिर को जमीन पर पहले से रखे पगड़ी ,तकिया व अन्य कोई कपडे की चीज पर टिकाये और शरीर का पूरा भार सिर पर छोड़ते हुए दोनों पैरो के साथ शरीर को धीरे-धीरे ऊपर की और उठाना शुरू करें।आप समझ लिए की आप को सर के बल खड़ा होना है .और शरीर का पूरा भार सिर पर लेना है, अब अपने शरीर को सीधा कर लें।शुरुवाती दौर में आप किसी दीवाल या दूसरी कोई चीज का सहारा लेकर यह आसन शुरू कर सकते है और जैसे जैसे आप का अभ्यास होता जाएगा फिर आप बिना किसी सहारे के कर सकते है .इसी योगा को शीर्षासन कहा जाता है।
शीर्षासन करते समय क्या सावधानी बरते .
शीर्षासन करते समय कुछ सावधानियां बेहद जरूरी हैं। अगर कोई ब्लडप्रेसर का मरीज और दिल के रोगी है तो कृपया इस आसन को मत करें। आसन करने के बाद सीधे खड़े हो जाएं और हाथों को ऊपर करके मुट्ठियों को दस बार बंद करें तथा खोलें। ऊपर के शरीर की हल्की मालिश भी करें। इसके बाद आपने जितनी देर शीर्षासन किया है कम से उसके आधे समय श्वासन करें। याद रखें श्वासन करना जरूरी है। शीर्षासन करने के दौरान खून बड़ी तेजी से आपके दिल और दिमाग की तरफ भागता है। श्वासन करने से वह वापस धीरे-धीरे पूरे शरीर में लौट जाता है। यह आसन को महिला-पुरुष दोनों कर सकते हैं।
शीर्षासन करने के लाभ.
@#= योग एक्सपर्ट कहते हैं कि इस आसन में हजारों आसनों के गुण अकेले मौजूद हैं।
@#= इस आसन का नियमित अभ्यास करने से बालों का पकना, बाल झड़ना , आंखों की कमजोरी, व खून से जुड़े रोगों को यह दूर करता है।
@#= इस आसन को करने से नजला जुकाम जैसी बीमारी बड़ी जल्द से जल्द ठीक होता है।
@#= इस आसन का सबसे अच्छा गुण यह है कि यह दिमाग से जुड़े रोग ठीक करने में वरदान सवित होता है ।
@#= इस आसन को करने से दिल, दिमाग, और शरीर के ऊपरी हिस्से में रक्त संचार तेजी से बढ़ जाता है।
@#= योग के जानकार और योगा की किताबे कहती हैं कि दिमाग में लगे तालु के स्थान में चंद्रमा मौजूद है, जहां से मनुष्य के शरीर में उर्जा प्राप्त होती है और अमरित रस झरता रहता है जो लोग इस आसन का नियमित अभ्यास करते हैं उनका सूर्य जो कि नाभि कें अंदर होता है उस रस को जलने नहीं देता। इसलिए आप ने देखा होगा कि इस आसन को नियमित करने वाले लोग जल्दी बूढ़े नहीं होते।