गोपेश्वर, 17 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चमोली ने रविवार को चमोली जिले के राजकीय इंटर कॉलेज कुलसारी में बहुउद्देशीय विधिक जागरुकता एवं चिकित्सा शिविर आयोजित किया। शिविर में मुख्य अतिथि के तौर पर उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा उपस्थित रहे।
न्यायाधीश राजीव शर्मा ने कहा कि कानून, साक्षरता एवं जागरुकता शिविरों में जनता को अपने कानूनी अधिकारों का ज्ञान होता है, साथ ही शिविर के उद्देश्यों की भी प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को उसके कानूनी अधिकार के लिए न्याय में व्यवस्था है। जनता को अपने कानूनी अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए।
शर्मा ने पहाड़ से हो रहे पलायन पर भी चिंता व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी को सुझाव दिया कि पलायन के कारणों और इसके समाधान के लिए नीतिगत रूप से कार्य किया जाए, क्योंकि यह वह भूमि है जिसने दुनियां को पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जाने वाले ‘चिपको आंदोलन’ को जन्म दिया और गौरा देवी एवं चंडी प्रसाद भट्ट जैसे पर्यावरणविदों की यह भूमि रही है।
न्यायमूर्ति ने नशे की बढ़ती प्रवृति तथा जंगली जानवरों से खेती को होने वाले नुकशान पर भी चिंता व्यक्त की। चिकित्सा व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि जिले में स्त्रीरोग विशेषज्ञ का होना आवश्यक है। न्यायमूर्ति ने सबसे अधिक जोर कानूनी साक्षरता पर दिया और कहा कि सभी लोग इस प्रकार के शिविरों का लाभ लेकर लाभान्वित हो। उन्होंने बच्चों की प्रतिभा पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा सभी स्टाॅलों का निरीक्षण करने के साथ-साथ वे स्थानीय लोगों से भी खुलकर मिले और उनकी समस्याएं भी सुनी।
विधिक साक्षरता शिविर में जिलाधिकारी आशीष जोशी ने कहा कि आज के दौर में सबसे सफल व्यक्ति वही है जिसके पास अधिक से अधिक जानकारी है। इस प्रकार के शिविरों का प्रयोजन यही है कि व्यक्ति को उसके कानूनी और सरकारी लाभकारी योजनाओं की जानकारियां दी जाए तथा जनता उसका लाभ उठा सके। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से तभी सवाल किया जा सकता है जब जनता को योजनाओं के बारे में जानकारी हो।
विधिक साक्षरता शिविर में पहुंचे राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रशांत जोशी ने शिविर के उद्देश्यों की जानकारी दी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप पंत, जिलाधिकारी आशीष जोशी, पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट, जिला विधिक साक्षरता शिविर चमोली के सचिव रवि प्रकाश शुक्ला ने भी विधिक साक्षरता शिविर की जानकारी दी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित शर्मा ने शिविर का कुशल संचालन करते हुए शिविर को सफल बताया। शिविर में विभिन्न शिक्षण संस्थाओं व सांस्कृतिक दलों ने कानूनी शिक्षा पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए जो खूब सराहे गए। साथ ही शिक्षण संस्थाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से पहाड़ की संस्कृति को मंचित किया। शिविर में अधिवक्ताओं ने कानून संबंधी जानकारियां दी।