गुवाहाटी, 18 सितम्बर : मध्य असम के मोरीगांव जिले के एक विद्यालय की शिक्षिका ऊषा दास के समर्थन में सोमवार को राजधानी गुवाहाटी के सोनापुर इलाके में सैकड़ों लोग सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया। ज्ञात हो कि ऊषा ने अपने ही विद्यालय के प्रधानाचार्य व सहायक शिक्षक पर गौ मांस खाने के लिए दबाव डालने व शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप दर्ज कराया था।
दर्ज मामले के बाद भी पुलिस द्वारा लापरवाही बरतने जाने के आरोप में सोमवार को राजधानी गुवाहाटी के बाहरी इलाके सोनापुर खेल मैदान में सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए आरोपियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। ज्ञात हो कि ऊषा डिमोरिया इलाके की मूल निवासी हैं। टेट की परीक्षा पास करने के बाद उन्हें सर्वशिक्षा अभियान के तहत मोरीगांव के एक प्राथमिकी विद्यालय में शिक्षिका के रूप में नियुक्ति मिली थी।
शिक्षिका के समर्थन में स्थानीय लोगों ने सोनापुर खेल मैदान से लेकर सोनापुर राजस्व चक्र अधिकारी के कार्यालय तक मार्च किया। साथ ही सोनापुर राजस्व चक्र आधिकारिक कार्यालय के अधिकारियों के जरिए अपनी मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन भी सौंपकर ऊषा दास मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की।
डिमोरिया आसू के वरिष्ठ छात्र नेता दिव्यज्योति मेधी ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस मामले की मजिस्ट्रेट स्तर की जांच कराई जाए, तभी जाकर असली कारणों का पता चल पाएगा। उन्होंने कहा कि जोगीरोड थाने में पीड़िता द्वारा दर्ज मामले के बाद भी पुलिस कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। दो गैर जमानती धाराएं लगने के बाद भी पुलिस दोनों आरिपयों को पूछताछ के लिए भी थाने में नहीं बुलाया, गिरफ्तारी तो दूर की बात है।
उन्होंने कहा कि मोरीगांव जिले के पुलिस अधीक्षक स्वप्निल डेका ने कहा कि हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे है, पुलिस टीम निष्पक्ष जांच कर रही है। जो भी आरोपी इस मामले में पाए जाएंगे किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस अपना काम निष्पक्ष तरीके से कर रही है।
कानून के तहत आरोपी को सजा दिलाई जाएगी। वहीं शिक्षिका व स्थानीय लोगों ने कहा है कि इस मामले को धार्मिक रूप न दें। यह मामला कुछ व्यक्तियों के बीच की है, उसी वहीं तक सीमित रहने दें।