टोक्यो/नई दिल्ली, 16 जनवरी= जपान के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने पृथ्वी की आंतरिक संरचना से जुड़ा सबसे बड़ा रहस्य खोज निकाला है। टोक्यो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि पृथ्वी के केन्द्र का तीसरा सबसे बड़ा हिस्सा सिलिकॉन से बना हो सकता है।
पृथ्वी के केन्द्र (कोर ) के बारे में एक आम राय यह है कि इसका 85 प्रतिशत हिस्सा लोहा और 10 प्रतिशत निकिल है। ऐसे में बाकी बचे 5 प्रतिशत हिस्से को लेकर कई तरह के प्रश्न उठते रहे हैं। इसमें सिलिकॉन, सल्फर और ऑक्सीजन एक प्रबल दावेदार रहे हैं।
टोक्यो टीम के प्रमुख भूगोलशास्त्री ईजी ओहतानी ने अमेरिकी जियोफिजिकल की एक बैठक में पृथ्वी के केन्द्र का अत्यधिक गर्म लोहा, निकिल और सिलिकॉन का बना नमूना दर्शाया ।
इस नमूने के निष्कर्ष पृथ्वी के केन्द्र से हासिल की गई सिस्मिक डाटा से मिलता था।
ओहतोमी का दावा है कि उनका शोध पूरी तरह से प्रामाणिक नहीं है लेकिन मजबूती से इस बात का दावा करता है कि तीसरा पदार्थ सिलिकॉन ही है। सिलिकॉन के तीसरे पदार्थ के रुप में प्रमाणित हो जाने के बाद यह साबित हो जाएगा की पृथ्वी के शुरुआती समय में ऑक्सीजन की बहुलता थी।