नैनीताल, 21 जून = भ्रष्टाचार पर भाजपा सरकार की जीरो टोलरेंस जारी रही तो कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में विधानसभा में की गई 158 नियुक्तियां रद्द हो सकती हैं। बीते वर्ष की गई इन नियुक्तियों का मामला हाईकोर्ट पहुँच गया है। कोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए विधासभाध्यक्ष को तीन सप्ताह में हलफनामे के साथ जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
बागेश्वर निवासी राजेश चंदोला ने याचिका दायर कर इन नियुक्तियों को चुनौती दी है। याचिका में नियुक्तियों को नियम विरुद्ध बताते हुए जांच कराने व उन्हें निरस्त करने की मांग की गई है। बुधवार को इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विधानसभा अध्यक्ष से जवाब तलब किया है।
यदि भाजपा सरकार के रुख के अनुरूप विधानसभा अध्यक्ष ने हलफनामा दिया तो ना केवल ये 158 नियुक्तियां रद हो सकती हैं, बल्कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल की सियासी मुश्किल भी बढ़ सकती हैं। याचिका में पूर्व स्पीकर पर अपनी बहू को गलत तरीके से नियुक्ति देने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज तक वह कार्यालय नहीं गईं।
कुंजवाल को भी याचिका में पक्षकार बनाया गया है। विधान सभा चुनाव से पहले नियुक्तियों को लेकर सरकार व स्पीकर की घेराबंदी की थी। इसके साथ ही कांग्रेस के कार्यकाल में मंत्री रहे एक अन्य नेता के रिश्तेदारों को भी तैनाती देने का मामला इसमें शामिल हो सकता है। ये सभी नियुक्तियां 2016 में की गई थीं।