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विज के बेतुके बयान से चढ़ा सियासी पारा, भाजपा ने निंदा करते हुए झाड़ा पल्ला.

नई दिल्ली, 14 जनवरी=  हरियाणा की धरती से उठे एक बयान से ठिठुरती ठंड में दिल्ली का सियासी पारा गरम हो गया है । आलम यह है कि विपक्षी दलों की तीखी आलोचना के बाद जहां हरियाणा के मंत्री अनिल विज को अपने बयान पर यू-टर्न लेना पड़ा, वहीं उनकी पार्टी भाजपा ने भी उनके बयान से न सिर्फ पल्ला झाड़ लिया बल्कि कड़ी निंदा भी की है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि पार्टी अनिल विज के बयान की कड़ी निंदा करती है। यह उनकी व्यक्तिगत टिप्पणी है| भाजपा का इससे कोई सरोकार नहीं है। महात्मा गांधी हमारे आइकन हैं।

विज ने कहा था कि गांधी का नाम जुड़ने से खादी की दुर्गति हुई थी और अब धीरे-धीरे नोटों से भी गांधी हटेंगे। बयान पर बवाल बढ़ता देख विज ने भी यू-टर्न ले लिया और ट्वीट किया कि महात्मा गांधी पर दिया बयान मेरा निजी बयान है। किसी की भावना आहत न हो, इसलिए मैं इसे वापस लेता हूं। किंतु, तब तक बहुत विलंब चुका था| इससे विज की किरकिरी भी जमकर हुई।

विज के बयान पर सफाई देने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी सामने आए। खट्टर ने कहा कि यह उनका निजी बयान है। पार्टी का इससे कोई मतलब नहीं है। गांधी देश के आदर्श हैं। गांधीजी के कारण रुपये में गिरावट नहीं आई। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने चरखा चलाया| यह खादी के प्रमोशन के लिए प्रतीक के रूप में है| इसका मतलब ये नहीं कि कोई गांधीजी को रिप्लेस कर रहा है।
उधर, महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने इसे अभियान बताया। तुषार गांधी ने कहा कि यह भाजपा मुख्यालय और आरएसएस की तरफ से चलाया जाने वाले अभियान है। खादी कोई प्रोडक्ट नहीं, एक विचारधारा है। प्रधानमंत्री गांधीजी के बारे में बोलते हैं, लेकिन ऐसा बोलने वालों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेते।

सीपीएम नेता वृंदा करात ने भी विज के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ये वही विचारधारा है, जिसने गांधीजी को मारा। सबसे पहले उन्होंने इस देश से गांधी का सफाया किया और अब वे उन्हें करेंसी से भी हटाना चाहते हैं। कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा के नेताओं और मंत्रियों से ऐसे ही आपत्तिजनक और ऊटपटांग बयानों की उम्मीद कर सकते हैं।

विज ने कहा था कि गांधी का नाम ऐसा है जिसके जुड़ने से खादी डूब गई है| मोदी उनसे बेहतर ब्रांड हैं| इसलिए अच्छा है कि गांधी की बजाय मोदी का फोटो लगा है। गांधी का नाम तो नोटों पर है जिससे रुपये की डिवैल्यूएशन हो गई है। जब विज से पूछा गया कि सरकार ने नए नोटों पर गांधी को क्यों रखा है, इस पर विज ने कहा कि वे भी हट जाएंगे धीरे-धीरे। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब विज ने इस तरह का विवादित बयान दिया हो।

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