विकास के रुके पहियों को गति दे रही भाजपा : मुख्यमंत्री
कानपुर देहात,15 नवम्बर (हि.स.)। मूसानगर में केन्द्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के आश्रम में चल रहे 25 वें भक्ति वेदांत संत सम्मेलन का समापन बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस मौके पर उन्होंने जनपद की जनता से निकाय चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों को वोट देने की अपील कर जीत दिलाने के साथ विकास के रुके पहियों को गति देने की बात की। मुख्यमंत्री के आगमन पर क्षेत्रीय लोगों व बीजेपी के नेताओं, कार्यकर्ताओं ने योगी का फूल मालाओं से स्वागत किया।
इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा धर्म मजहब या सम्प्रदाय नहीं बल्कि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने कहा सन्यास का मतलब पलायन नहीं होता, सन्यास का मतलब होता है जीवन की चुनौतियों से जूझते हुए अन्य लोगों के लिए प्रेरणादाई मार्ग बना देना।
वहीं साध्वी जी के कार्य को सराहनीय बताते हुए कहा कि साध्वी जी निरंतर जनहित के कार्यो के लिये प्रयासरत रहती है और मुझसे आप लोगों की समस्याओं के लिए लखनऊ आकर बताती हैं और इस क्षेत्र के विकास के लिए अवगत कराती हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने धर्म का व्यख्यान करते हुए कहा कि हम सब सनातन धर्म के लोग हैं। जाति पाती, मजहब, छूआ-छुत कुछ नहीं होता, सब मानव है और धर्म में इन सब की कोई अहमियत नही होती। भगवन राम का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने भी समानता का सन्देश दिया था। हमें इस बात को समझना चाहिए और इससे हटकर समानता को अपनाना चाहिए यही धर्म है, सबसे बड़ा धर्म मानवता है।
अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए पूर्व सरकारों पर निशाना साधा, कहा कि पिछली सरकार ने प्रदेश की हालत ख़राब कर दी थी। बिजली व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा की पूर्व सरकार ने केवल वीआईपी जनपद और कुछ चिन्हित क्षेत्रों में ही बिजली देने का काम किया था, लेकिन अब मेरी सरकार ने पूरे प्रदेश में बिजली देने का काम किया है और हर गांव तक बिजली पहुंचाने का संकल्प लिया है। जिला मुख्यालयों को 24 घंटे और तहसील स्तर पर 20 घंटे, ग्रामीण स्तर पर 16 से 18 घंटे बिजली देने का काम किया है। और यह सब बिना किसी भेदभाव के सभी जनमानस को दिया गया है।
कहा कि प्रदेश में बुंदेलखंड और पूर्वांचल से जुड़े क्षेत्रों का पूर्व की सरकारों ने विकास नहीं होने दिया और हमने ये तय किया है कि अब इन क्षेत्रों के विकास के लिए दो एक्सप्रेस वे बनाएंगे। जो एक पूर्वांचल और दूसरा बुन्देलखंड को जोड़ने का काम करेंगे और इन क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर उद्योग लगाने जा रहे है। जिससे प्रदेश में विकास ही विकास होगा सभी को रोजगार मिलेगा।