वलसाड : गुजरात के बलसाड से काठियावाड़ी गिरिराज होटल के खिलाफ खबर छापने पर जयअंबे स्कूल के रुषिक वघासिया द्वारा एक पत्रकार को धमकाने का मामल सामने आया है .साथ ही रुषिक वघासिया ने कहा की आप कितनी भी खबर छाप लो कलेक्टर की हिम्मत नहीं है की वह जांच के लिए आए. इससे आप अंदाजा लगा सकते है की इनके हौसले कितने बुलंद है. और कानून इनकी जेब में है .
लगता है सही खबरें किसी किसी को रास नहीं आती हैं। लेकिन जिसके खिलाफ खबर हो उसकी बजाय किसी अन्य को परेशानी होना मामला समझ से परे है। कुछ दिन पहले युटी टुडे में काठियावाड़ी होटल में नियमों की अनदेखी करने की खबरें लगी थी। हालांकि इस मामले में सरकारी महकमो ने अपनी आदत के अनुसार मौन धारण किए रहे।
लेकिन अब होटल के खिलाफ खबर छापने पर जय अंबे स्कूल के रुषिक वघासिया ने संवाददाता को धमकाया। संवाददाता रमेश तिवारी को रुषिक वघासिया ने मोबाइल पर कॉल किया और पूछा कि वह होटल काठियावाड़ी गिरिराज के खिलाफ खबर क्यों लिख रहा है। जब संवाददाता ने बताया कि जो गलत देखा वहीं लिखा है तो इसमें दिक्कत क्या है। जवाब में रुषिक ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि आज के बाद होटल के खिलाफ खबर मत लिखना और देखना भी मत। इसके बाद दूसरे दिन दोपहर में स्कूल में मिलने के लिए भी बुलाया। जब दूसरे दिन संवाददाता जय अंबे स्कूल में जाकर रुषिक वघासिया से मिले तो रुषिक ने कहा कि काठियावाड़ी लॉबी बहुत बड़ी है और अखबार में मैटर लिखने से भी कोई अधिकारी वहां जांच करने नहीं जाएगा।
उसने यह भी कहा कि आप को समझा दिया है, यदि नहीं समझे तो आपके पास मंत्री और नेताओं का भी फोन आएगा। जब संवाददाता रमेश तिवारी ने रुषिक से कहा कि आप शैक्षणिक संस्थान चला रहे हैं और होटल से क्या लेना देना। रुषिक ने बताया कि होटल वाले हमारी पहचान के हैं और यहां बुलाकर समझा दिया है। क्योंकि यदि सुई से काम हो जाए तो तलवार निकालने की जरुरत नहीं है। उसने यह भी कहा कि कितनी भी खबर लगाओगे कलक्टर भी वहां जांच के लिए नहीं जाने वाला।
ज्ञात हो कि जय अंबे स्कूल अक्सर विवादों में रही है। गणेश हॉल के नाम की जगह पर यह स्कूल काफी दिनों से चल रही है इसे लेकर भी पूर्व में विवाद हो चुका है। लेकिन आज तक स्कूल के खिलाफ कार्रवाई न होना रुषिक वघासिया की बात को कहीं न कहीं सच साबित करता है। अधिकारियों लेकर नेताओं तक उसकी पहुंच ने ही पत्रकार को धमकाने की हिम्मत प्रदान की है। यह जिला प्रशासन की कमजोरी को भी उजागर करता है कि कैसे एक शख्स खुलेआम पूरे विश्वास के साथ यह कह सकता है कि कितना भी खबर लिखो कलेक्टर भी जांच करने के लिए उनके यहां नहीं आ सकता।
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