वनगांव (उत्तर 24 परगना), 21 जनवरी= कश्मीर में सेना छावनी पर हमले की योजना बनाने वाले तीन आतंकियों को उत्तर 24 परगना जिले की वनगांव अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। ये तीनों आतंकी संगठन लश्कर-ए-तेईबा के सदस्य हैं। इनके नाम शेख अबदुल्ला, मोहम्मद युनूस व मुजफ्फर अहमद हैं। शेख अबदुल्ला पाकिस्तान के करांची का रहने वाला है जबकि मोहम्मद युनूस पाकिस्तान के ही हरिपुर का निवासी है। तीसरा आतंकी मुजफ्फर अहमद कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाला है।
प्राप्त खबरों के अनुसार वर्ष 2007 में अबदुल्ला व युनूस पाकिस्तान से ढाका पहुंचे। वहां मुजफ्फर व शेख अब्दुल नईम ऊर्फ समीर उनके साथ जुड गये। समीर महाराष्ट्र के औरंगाबाद का रहने वाला था। इसके बाद रात के अंधेरे में इन चारों ने पेट्रोपोल सीमा से भारत में प्रवेश किया। इस दौरान वे बीएसएफ की नजरों में आ गये। चार अप्रैल 2007 को बीएसएफ ने उन्हें हिरासत में लेकर वनगांव थाने के हवाले कर दिया। गिरफ्तार आतंकियों के पास से फर्जी वोटर कार्ड, ड्राइविग लाईसेंस, सिम कार्ड तथा भारी मात्रा में डालर व भारतीय रुपये बरामद किये गये। बाद में सीआईडी ने मामले की जांच की। जांच में जो खुलासे हुए उसके मुताबिक ये चारों आतंकी कश्मीर में सेना छावनी पर हमला करने के उद्देश्य से भारत में घुसे थे। जांच के दौरान चारों आतंकियों को मुंबई ले जाया जा रहा था। इस दौरान समीर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। उसके बाद से उसका कोई सुराग नहीं मिला।
समीर के परिवार वालों ने पुलिस पर उसकी हत्या करने के आरोप लगाये थे। जुलाई 2012 में वनगांव अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। लगभग पांच साल बाद इस मामले में अदालत ने अपना फैसला देते हुए तीनों आतंकियों को मौत की सजा सुनाई।