राहुल गांधी की सलाह के बिना कुछ भी नहीं करते हैं कुमारस्वामी
बेंगलुरु (ईएमएस)। कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार बने एक सप्ताह से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है। दोनों दल मंत्रिमंडल गठन पर लगातार चर्चा कर रहे हैं और सीएम एचडी कुमारस्वामी कांग्रेस के प्रति काफी नरम दिख रहे हैं। उनके हर बयान में कांग्रेस की तारीफ से कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। समझा जा रहा है कि सीएम कुमारस्वामी सोची-समझी रणनीति के तहत ऐसा कर रहे हैं, ताकि अगर आगे चीजें सही नहीं हों तो उसका सारा ठीकरा कांग्रेस के सिर फोड़ सकें। कर्नाटक में कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने और मुख्यमंत्री बनने वाले कुमारस्वामी शुरुआत से ही ज्यादातर कामों के लिए राहुल गांधी की अनुमति ले रहे हैं।
चाहे वह कैबिनेट मंत्रियों का सवाल हो या फिर किसानों का लोन माफ करने की बात हो। हाल ही में उन्होंने राज्य की जनता की बजाए कांग्रेस के प्रति उत्तरदायी होने का बयान दे दिया था, जिस पर काफी बवाल भी मचा था। कुमारस्वामी ने कहा था कि वह कांग्रेस के प्रति बाध्य हैं, कर्नाटक के 6.5 करोड़ लोगों के प्रति नहीं। उन्होंने यह भी कहा था कि वह सीएम की कुर्सी पर पुण्यात्मा (राहुल गांधी) की कृपा से बैठे हैं। उनके इस तरह के बयानों से कई राजनीतिक पंडितों ने कुछ अलग तरह के कयास लगाने शुरू कर दिए हैं। कहा जा रहा है कि कुमारस्वामी इसलिए ऐसा कर रहे हैं कि अगर आगे चलकर चीजें ठीक न हों तो वह सारा का सारा दोष कांग्रेस पर मढ़ सकें और खुद की गर्दन बचा सकें।
कांग्रेस नेता भी कुमारस्वामी के इस रवैये पर खुलकर बोलने से नहीं चूक रहे हैं। कैबिनेट में मंत्रीपद के लिए जोर लगा रहे एक वरिष्ठ नेता कहते हैं, कुमारस्वामी काफी स्मार्ट गेम खेल रहे हैं। वह पूरा का पूरा भार राहुल गांधी पर डाल रहे हैं। अगर कहीं मंत्रिमंडल को लेकर असंतोष होता है या फिर कर्जमाफी को लकर कुछ गड़बड़ होती है तो वह इसका दोष भी हम पर ही डाल देंगे। एक और कांग्रेस नेता कहते हैं, यह गलत है। वह राज्य के मुखिया हैं और ट्रस्ट वोट हासिल कर चुके हैं तो वह किसी भी जिम्मेदारी से कैसे भाग सकते हैं? उन्हें अपना गला बचाने की कोशिश करने की बजाय खुद पर जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता वीएस उगारप्पा कहते हैं, राहुल की तारीफ करने में गलत क्या है? जबकि सांप्रदायिक ताकतों को दूर रखने के लिए कांग्रेस ने सीएम की सीट का बलिदान दिया है। सीएम की इज्जत और बढ़ी ही है। राहुल की तारीफ करके कुमारस्वामी अपनी पार्टी के लोगों में संदेश देना चाहते हैं कि वे भी शांति बनाए रखें।