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रमज़ान में सीज़फायर से सुधरी कानून-व्यवस्था , जम्मू कश्मीर के डीजीपी का दावा

श्रीनगर (ईएमएस)। जम्मू कश्मीर में रमज़ान में सीज़फायर के फैसले पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और जम्मू कश्मीर पुलिस एकमत नहीं हैं। जितेंद्र सिंह ने कहा कि रमज़ान में सीज़फायर के बाद भी घाटी में फायरिंग की खबरें आ रही हैं। इससे स्थानीय आतंकी और उन्हें पनाह देने वाले लोग उजागर होते हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर पुलिस केंद्रीय मंत्री के इस बयान से इत्तेफाक नहीं रखती। राज्य पुलिस के डीजीपी एसपी वैद्य का कहना है कि रमजान के महीने में सरकार ने जो सीजफायर किया है, वह काबिले-तरीफ है। इससे अशांत राज्य में खास तौर पर दक्षिण कश्मीर में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है।

डीजीपी ने ट्वीट कर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, रमजान में युद्धविराम अब तक सफल रहा है। प्रधानमंत्री की पहल ने कानून व्यवस्था में सुधार में मदद की है। डीजीपी का दावा है कि इससे दक्षिण कश्मीर में स्थिति को आसान बनाने में मदद मिली है। इसके साथ ही यह उन परिवारों के लिए विश्वास निर्माण उपाय के रूप में कार्य कर रहा है, जो अपने लड़कों को घर वापस लौटते देखना चाहते हैं। डीजीपी ने पहले भी कश्मीरी आतंकवादियों के परिवारों से अपील की थी कि वे अपने बेटों को आतंकवाद का रास्ता छोड़ने के लिए राज़ी करें। उनसे समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की गुजारिश करें।

उधर, जम्मू-कश्मीर में बीते सात महीनों में 70 से ज्यादा आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराने वाले सुरक्षाबलों का अब नया नारा है, उन्हें जिंदा पकड़ो। सुरक्षाबलों की रणनीति में इस बदलाव का मकसद आतंकवादी संगठनों में नए शामिल होने वालों पर ध्यान केंद्रित करना है। साथ ही भटके युवाओं को अपने परिवार के पास लौटने के लिए प्रेरित करना है। अधिकारियों ने कहा कि शीर्ष आतंकवादी कमांडरों को मार गिराने के बाद अब रणनीति में बदलाव के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि खुफिया सूचनाओं पर आधारित अभियान तो जारी रहेंगे, लेकिन आतंकवादी संगठनों में हाल में शामिल हुए आतंकियों को जिंदा पकड़ने पर जोर दिया जाएगा। बता दें कि केंद्र सरकार ने 16 मई को सुरक्षा बलों को रमजान के महीने में किसी भी तरह का आर्मी ऑपरेशन नहीं चलाने को कहा है। हालांकि, सरकार ने कहा है कि अगर हमला होता है, तो उनके पास जवाब देने का अधिकार है। वहीं, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों ने सरकार के सीजफायर के एलान का विरोध किया है। लश्कर आतंकियों का कहना है कि आतंकवाद से कोई समझौता नहीं होगा। हमले जारी रहेंगे।

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