योगी से मिलने के बाद शिक्षा मित्रों का आंदोलन स्थगित, बुधवार से जाएंगे स्कूल
लखनऊ, 01 अगस्त (हि.स.): उत्तर प्रदेश के आंदोलनरत शिक्षा मित्रों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद अपना आंदोलन स्थगित कर दिया। मुख्यमंत्री ने 15 दिन के अंदर उनकी समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया है। इसके बाद शिक्षा मित्रों ने बुधवार से स्कूल जाने का निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री योगी के साथ शिक्षा मित्रों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक आज दोपहर बाद करीब एक घंटे चली। इस बैठक में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक के बाद अनुपमा जायसवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने शिक्षा मित्रों की बात को ध्यान से सुना है। वह इस मामले में गंभीर हैं। राज्य सरकार पंद्रह दिन के अंदर शिक्षा मित्रों को अच्छी खबर जरूर देगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि शिक्षा मित्र स्कूल जाएं। कोई गलत कदम उठाने की जरुरत नहीं है। सरकार इस मामले में कोई न कोई रास्ता जरूर निकालेगी। योगी ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को भी शिक्षा मित्रों के साथ लगातार बैठक करने का निर्देश दिया है।
शिक्षा मित्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह के साथ भी बैठक की थी लेकिन वह बैठक बेनतीजा रही। अपर मुख्य सचिव ने शिक्षा मित्रों के सुझाए सभी विकल्पों को ठुकरा दिया था। उन्होंने स्पष्ट किया था कि सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ही आगे बढ़ेगी। सरकार के इस रुख से नाराज शिक्षा मित्रों ने अपने आंदोलन को जारी रखने का निर्णय लिया था। फिर सूबे के पुलिस महानिदेशक ने उग्र प्रदर्शन की आशंका के मद्देनजर सभी जिलों के कप्तानों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया था।
इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने आज शिक्षा मित्रों के साथ बैठक कर उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनके मामले में 15 दिन के अंदर कोई सर्वमान्य हल जरुर निकाल लेगी। मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के बाद शिक्षा मित्रों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। अब बुधवार से वे स्कूलों में पूर्व की तरह पठन-पाठन का कार्य शुरू करेंगे।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में करीब 1.72 लाख शिक्षा मित्रों की सहायक अध्यापक के रूप में नियमितीकरण को गैरकानूनी ठहरा दिया है। हालांकि कोर्ट ने उन्हें तत्काल हटाने से मना भी किया है। कोर्ट ने कहा है कि शिक्षा मित्रों को शिक्षक भर्ती की औपचारिक परीक्षा में बैठना होगा और उन्हें लगातार दो प्रयासों में यह परीक्षा पास करनी होगी।
उच्चतम न्यायालय के इस आदेश के बाद से प्रदेश भर के शिक्षामित्र आंदोलन पर हैं। पिछले दिनों उन लोगों ने राजधानी में विधान भवन के सामने भाजपा कार्यालय का भी घेराव किया था। प्रदेश भर में आंदोलन कर रहे शिक्षा मित्रों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को कई जगह लाठियां भी चलानी पड़ी थीं।