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योगी की नीति , भ्रष्टाचारी अधिकारियों के खिलाफ चेतावनी नहीं एफआईआर दर्ज होगी

लखनऊ, 28 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मंत्रियों से साफ तौर पर कहा है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी जाए। भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व अन्य लोगों को केवल चेतावनी देकर कतई न छोड़ा जाए, बल्कि उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराकर कठोर कार्रवाई करायी जाए।

सीएम ने कहा है कि मंत्री यह भी सुनिश्चित करें कि विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं को विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा गम्भीरता से लेते हुए उन पर तत्काल कार्रवाई की जाए। सभी गांवों में रोस्टर के अनुसार विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। आंधी एवं तूफान के कारण यदि कहीं विद्युत तार टूटने या खम्बा गिरने के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है तो उसे युद्ध स्तर पर रीस्टोर किया जाए।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को स्वच्छता एवं जलापूर्ति पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी नगर आयुक्तों से स्वच्छता पर विशेष अभियान चलाने तथा पॉलिथीन एवं प्लास्टिक के कप-प्लेट आदि के वैकल्पिक उपयोग पर लोगों का सहयोग प्राप्त करने के लिए कहा है, जिससे नालियों को चोक होने से बचाया जा सके।

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इसके साथ ही, सभी नगरीय निकायों से कहा है कि बरसात से पूर्व सभी नालों की सफाई हर हाल में कर ली जाए, जिससे शहरों की जल निकासी व्यवस्था ठीक हो सके। इसी प्रकार जिलाधिकारियों के माध्यम से गांवों की स्वच्छता पर भी काम करने के लिए कहा गया है। इस मामले में जिलाधिकारी ग्राम प्रधान का सहयोग प्राप्त कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।

सीएम योगी ने इसके साथ ही सभी जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से अपने कार्यालय में सुबह नौ बजे से 11 बजे तक जनता के लिए उपलब्ध रहने का निर्देश देते हुए कहा गया है कि मुख्यमंत्री स्वयं इन अधिकारियों को लैण्ड लाइन पर फोन कर हकीकत परखेंगे। साथ ही, अधिकारियों से कैम्प कार्यालय की व्यवस्था तत्काल समाप्त कर अपने कार्यालय में उपस्थित रहने को कहा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि इसके साथ ही उनके आवास पर जन-सुनवाई के लिए जिन जनपदों से अधिक आवेदन प्राप्त होंगे। वहां के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से इसके सम्बन्ध में सीधी पूछताछ की जाएगी और यह भी माना जाएगा कि वहां की व्यवस्था ठीक नहीं है।

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