योगी आदित्यनाथ ने प्रख्यात वैज्ञानिक सी.वी. रमन को पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
लखनऊ, 21 नवम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक चन्द्रशेखर वेंकटरमन की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘भारतीय भौतिक-शास्त्री, प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार व भारत रत्न की उपाधि से विभूषित सर चन्द्रशेखर वेंकटरमन जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।’’
चन्द्रशेखर वेंकटरमन भारतीय भौतिक-शास्त्री थे। उनका जन्म 07 नवम्बर सन् 1888 ई. में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली नामक स्थान में हुआ था। सन 1922 में सीवी रमन ने ‘प्रकाश का आणविक विकिरण’ नामक मोनोग्राफ का प्रकाशन कराया। उन्होंने प्रकाश के प्रकीर्णन की जांच के लिए प्रकाश के रंगों में आने वाले परिवर्तनों का निरिक्षण किया। प्रकाश के प्रकीर्णन पर इस उत्कृष्ट कार्य के लिये वर्ष 1930 में उन्हें भौतिकी का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार दिया गया। उनका आविष्कार उनके ही नाम पर रामन प्रभाव के नाम से जाना जाता है।
रुसी वैज्ञानिक चर्ल्सन, यूजीन लाक, रदरफोर्ड, नील्स बोअर, चार्ल्स कैबी और विल्सन जैसे वैज्ञानिकों ने नोबेल पुरस्कार के लिए रमन के नाम को प्रस्तावित किया था। उनके इस आत्मविश्वास से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि सी.वी. रमन असाधारण प्रतिभा के धनी थे।
सन 1952 में उनके पास भारत का उपराष्ट्रपति बनने का प्रस्ताव आया। इस पद के लिए सभी राजनितिक दलों ने उनके नाम का समर्थन किया था। इसलिए रमन को निर्विरोध उपराष्ट्रपति चुना जाना लगभग तय था। लेकिन राजनीति में रमन की जरा भी रूचि नहीं थी। वे उस पद पर आराम से रहना भी नहीं चाहते थे। क्योंकि आराम से रहना उनकी प्रकृति के खिलाफ था। इसलिए उन्होंने उपराष्ट्रपति बनने से साफ इनकार कर दिया। 1954 ई. में उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत रत्न की उपाधि से विभूषित किया गया तथा 1957 में लेनिन शान्ति पुरस्कार प्रदान किया था।
रमन की खोज के व्दारा ही मनुष्य अपनी रोटिना का चित्र स्वयं ही देख सकता है। वह यह भी देख सकता है की उसकी आंखें कैसे काम कराती हैं? यह खोज उन्होंने अपनी मृत्यु से कुछ वर्ष पहले की थी। वे लगभग 82 वर्षों तक हमारे बीच रहे। 21 नवम्बर, सन 1970 को उनकी मृत्यु हो गई।