मौनी अमावस्या मेले पर धर्म नगरी चित्रकूट में उमड़ा आस्था का सैलाब
-आज ही के दिन मन्दाकिनी के रामघाट पर संत तुलसीदास को हुए थे भगवान श्री राम के दर्शन
चित्रकूट,16 जनवरी(हि.स.)। माघ मास की मौनी अमावस्या पर देश भर से लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम मंगलवार को धर्मनगरी पर उमड़ पड़ा। ठंड में भी लाखों श्रद्धालुओं ने हर-हर गंगे के जयकारे लगाते हुए मां मंदाकिनी में डुबकी लगाई। इसके बाद भगवान कामतानाथ के दर्शन कर कामदगिरि की परिक्रमा की। मौनी अमावस्या के दिन ही मन्दाकिनी के रामघाट तट पर संत गोस्वामी तुलसीदास जी को भगवान श्री राम के दर्शन हुए थे। मेले में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुये यूपी -एमपी प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है।
धर्म नगरी के संतों की मानें तो करोड़ों वर्ष बाद ऐसा संयोग बनता है, जब माघ मास की अमावस्या भोमवती (मंगलवार)को पड़ती है। इसमें गंगा स्नान और दानपुण्य का विशेष महत्व होता है।
मौनी अमावस्या में मंदाकिनी नदी पर डुबकी लगाने के लिए धर्मनगरी में मंगलवार की सुबह से श्रद्धालुओं का ताँता लगना शुरू हो गया था। देश भर से लाखों श्रद्धालु बसों, ट्रेनों और प्राइवेट वाहनों से चित्रकूट आ रहे हैं। माता सती अनुसुईया के तपोबल से निकली पवित्र मंदाकिनी गंगा में स्नान के बाद लाखों श्रद्धालु स्वामी मत्गयेन्द्रनाथ पर जलाभिषेक करने के बाद मनोकामनाओं के पूरक भगवान कामतानाथ के दर्शन पूजन के बाद कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा लगाई। भोर से शुरू हुआ स्नान का सिलसिला अभी तक जारी है।
स्नान के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो इसके लिए चित्रकूट पुलिस द्वारा मन्दाकिनी के रामघाट पर गोताखोरों की तैनाती कर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है। ठंड को देखते हुए रामघाट पर और परिक्रमा मार्ग पर नगर पालिका परिषद द्वारा अलाव के इंतजाम किए गए है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सा शिविर लगाया था तो नगर पालिका ने खोया पाया केंद्र भी स्थापित किया था। वहीं भीड़ को नियंत्रित करने को रामघाट में ट्रैफिक वनवे कर दिया था ताकि लोगों को दिक्कत न उठानी पड़े।
कामदगिरि प्रमुख द्वार के संत मदन गोपाल दास ने इस स्नान पर्व का महात्म बताते हुए कहा कि माघ की अमावस्या मौनी अमावस्या के रुप में मनाई जाती है। इस अमावस्या का मंगलवार को पड़ना अद्भुत संयोग है ,ऐसा संयोग करोडो वर्षो बाद आता है जब माघ माह की अमावस्या मंगलवार के दिन पड़ती है। आज के दिन मन्दाकिनी गंगा में स्नान,कामदगिरि की परिक्रमा और दान पुण्य करने से मनवांक्षित फल की प्राप्ति होती है। इस अमावस्या मे मौन रखते हुए परिक्रमा करने से विशेष फल मिलता है।इसके अलावा यह अमावस्या इसलिए सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि आज ही के दिन मन्दाकिनी के रामघाट तट पर रामचरित मानस के रचयिता महान संत गोस्वामी तुलसी दास जी को भगवान श्री राम के दर्शन हुए थे। इसी अमावस्या को लेकर ही यह दोहा प्रचलित हुआ है कि “चित्रकूट के घाट पर भई सन्तन की भीड़, तुलसीदास चन्दन घिसे, तिलक देत रघुवीर “। तभी से इस माघ मासवस्या पर लाखों श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचकर मन्दाकिनी में स्नान करने के बाद भगवान कामतानाथ की परिक्रमा करते हैं। इस बार की अमावस्या मंगलवार और बुधवार तक रहने की वजह से चित्रकूट में दोनों दिन श्रद्धालुओं का आवागमन बना रहेगा।
वही चित्रकूट के जिलाधिकारी शिवाकांत दिवेदी ने बताया कि मौनी अमावस्या मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए मेला क्षेत्र को कई जोन और सेक्टरों में बांटकर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। साथ ही मेले में आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए रैन बसेरा,खोयापाया केंद्र,अलाव और प्राथमिक चिकित्सा आदि का इंतजाम किया गया है। वही पुलिस अधीक्षक प्रताप गोपेन्द्र ने बताया कि मेले में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये है। मन्दाकिनी के रामघाट तट पर गोताखोर दल की तैनाती की गई है। इसके आलावा पूरे मेला परिक्षेत्र में चप्पे चप्पे पर पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है।
अपर पुलिस अधीक्षक बलवंत चौधरी को मेला व्यावस्था का प्रभारी बनाया गया है। इसके आलावा तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे द्वारा कई मेला स्पेशल ट्रेने और परिवहन विभाग द्वारा कई मेला स्पेशल बसों का संचालन किया गया है।