मुस्लिम परिवार ने हिन्दू युवक का किया दाह संस्कार , परिवार के साथ खड़ा
मालदा, 26 अप्रैल (हि.स.)। मानिकचक ब्लॉक के शेखपुरा गांव का एक मुस्लिम परिवार दुख के समय में न सिर्फ एक हिन्दू परिवार के साथ खड़ा हुआ, बल्कि शवयात्रा को कंधा देने से लेकर दाह संस्कार तक किया। इस घटना को समुदायिक एकता की मिशाल के तौर पर पेश की जा रही है। गांव के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शव को कंधे पर लेकर तीन किलोमीटर की दूरी तय करके गंगा के तट तक पहुंचाया।
इस मंजर को देखकर हर कोई प्रभावित था। श्मशान में कर्मकांड का निर्वहन भी उसी परिवार ने ही किया। चिता जलाने से लेकर गंगा जल से शव को शुद्ध करने का कार्य इनके द्वारा किया गया। दाह संस्कार में लगने वाले खर्च का भुगतान भी इस परिवार ने ही किया। इसमें इलाके के जनप्रतिनिधि भी शवयात्रा में शामिल रहे। मालदा जिला परिषद के सभाधिपति गौरचंद्र मंडल, बीडीओ व ओसी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
गांव में सिर्फ एक हिन्दू परिवार
शेखपुरा गांव में रहने वाले अधिकांश लोग गरीब हैं। यहां के पानी में आर्सेनिक है। आर्सेनिक के कारण गंभीर बीमारियों के चलते कई परिवार खत्म हो चुके हैं। ग्रामीण बांस की टोकरी तैयार करके अपने जीवन का निर्वहन करते हैं। गांव में सिर्फ एक हिन्दू परिवार है, बाकी सभी मुस्लिम समुदाय के हैं। नगेन रजक काफी वृद्ध हो चुके हैं। उनके दो पुत्र इंद्रजीत व विश्वजीत हैं। जिसमें से एक विश्वजीत का निधन हो गया। दोनों बेटों का जीवन भी गरीबी में गुजरा। विश्वजीत कुछ दिनों से बीमार थे। उनकी उम्र महज 30 साल थी । विश्वजीत की पत्नी सरिता व तीन बच्चियां हैं। डॉक्टर ने पहले ही कह दिया था कि विश्वजीत ज्यादा समय तक नहीं जीयेंगे। उनके लीवर में कैंसर हो गया था। मंगलवार को विश्वजीत दुनिया से चल बसे।
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पूरा गांव इस परिवार के साथ दिखा
पुत्र के गंभीर बीमारी से पीड़ित होने से नगेन रजक काफी मुश्किल में थे। ऐसे मुश्किल समय में गांव का अनारूल शेख, अब्दुल मियां, लोकमान मियां का सहयोग मिला। उन लोगों ने नगेन रजक को भरोसा दिलाया कि वह चिंता न करे दाह संस्कार से लेकर सभी कर्मकांड की जिम्मेवारी उनकी होगी। इस कार्य में पूरा गांव इस परिवार के साथ दिखा। गंगा के किनारे पूरे विधि- विधान के साथ विश्वजीत को पंचतत्व में विलीन किया गया। मालदा जिला परिषद उप सभाधिपति गौर चंद्र मंडल ने कहा कि वर्तमान में देश में धर्म की राजनीति हो रही है, ऐसे में शेखपुरा गांव के लोगों ने समुदायिक एकता की मिशाल पेश की है। नगेन रजक ने कहा कि वह भी ज्यादा दिन के मेहमान नहीं है। वह चाहेेंगे कि उनके मरने के गांव के भाई उन्हें मुखाग्नि देंगे।