मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन का इस्तीफा, यूएस वापस जाएंगे
नई दिल्ली, 20 जून (हि.स.)। भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अरविंद सुब्रमण्यन ने व्यक्तिगत कारणों के चलते उनसे पदमुक्त होने की गुजारिश की। अरविंद अपने परिवार के पास वापस यूएस जाना चाहते हैं। अरविंद सुब्रमण्यन को अक्टूबर, 2014 में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया था। उनकी ये नियुक्ति तीन साल के लिए थी। उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद भी सरकार ने उन्हें सेवा-विस्तार दिया।
केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि अरविंद सुब्रमण्यन ने जैम (जन-धन, आधार, मोबाइल) को डेटाबेस का आधार बनाया, जिससे जनकल्याण योजनाओं में मदद मिली। उनका भारत सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय एवं अन्य विभागों के साथ संवाद बेहद उत्साहित करनेवाला होता था। ये उनकी ही सलाह थी कि जिससे चलते भारत सरकार ने बजट 2015-16 में उच्च स्तरीय सरकारी निवेश के फैसले को सम्मिलित किया था। सुब्रमण्यन कई सेक्टर जैसे वस्त्र, उवर्रक, केरोसिन, बिजली, दाल को लेकर नए योजनाओं के प्रस्ताव लेकर आए थे। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की बैठकों में उनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण होता था।
उन्होंने अपने चार ‘आर्थिक सर्वेक्षण’ में सार्वजनिक विचार-विमर्श के लिए विश्लेषण की गुणवत्ता और विचारों की प्रस्तुति को बढ़ाया। चार वर्षों के लिए उनके दस्तावेजों का इलाज कई स्वतंत्र आलोचकों द्वारा किया गया था, जो अब तक का सबसे अच्छा उत्पाद है। नवीनतम सर्वेक्षण में 117 देशों के लगभग 15 मिलियन विजिटर्स थे। आर्थिक सर्वेक्षण आज पूरे भारत में एक बुनियादी शिक्षण सामग्री है। उन्होंने देशभर में छात्रों और शिक्षकों के लाभ के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था पर पहला ऑनलाइन पाठ्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने सरकार के ऑनलाइन शिक्षा मंच ‘स्वयं’ को लॉन्च किया, जो भारत में सबसे अधिक अनुवर्ती पाठ्यक्रमों में से एक बन गया। उन्होंने पूरे देश में यात्रा की और सार्वजनिक भाषणों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए आर्थिक मुद्दों पर सार्वजनिक मंचों पर बात की। उन्होंने मंत्रालय के आर्थिक प्रभाग में ‘अंदरूनी’ और ‘बाहरी’ दोनों की एक मजबूत टीम बनाई।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को धन्यवाद करते हुए अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि वे केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली के आभारी रहेंगे, जिन्होंने मेरे इस निर्णय को स्वीकारा। साथ ही मेरे व्यक्तिगत कारणों के चलते मेरे इस पद छोड़ने की मजबूरी को समझा। मैं फिर से शोध और लेखन में जुटना चाहता हूं। मैं ये कहूंगा कि मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद मेरे लिए बहुत ही संतोषजनक रहा।