मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में फांसी की सजा पाने वाले ताहिर मर्चेंट की मौत
पुणे, (ईएमएस)। 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में फांसी की सजा पाए ताहिर मर्चेंट की बुधवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. वह पुणे के यरवडा जेल में बंद था. खबर है कि मर्चेंट को तड़के करीब 3 बजे दिल का दौरा पड़ा और उसे सासून अस्पताल ले जाया गया और तड़के करीब 3.45 बजे उसकी मौत हो गई. बता दें कि विशेष टाडा अदालत ने ताहिर मर्चेंट सहित पांच दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी. उस पर ब्लास्ट के लिए फंडिंग और ट्रेनिंग दिलाने का आरोप था. उल्लेखनीय है कि इससे पहले पिछले साल इन्हीं बम धमाकों के एक अन्य दोषी मुस्तफा दौसा की भी सजा सुनाए जाने से पहले मौत हो गई थी. सीने में दर्द की शिकायत के बाद उसे मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी.
आपको बता दें कि 12 मार्च 1993 को मुंबई में 12 मिनटों के भीतर 12 जगहों पर बम ब्लास्ट हुए थे. इनमें बंबई स्टॉक एक्सचेंज, कथा बाज़ार, लकी पेट्रोल पंप, सेंचुरी बाज़ार, माहिम के पास की मछुआरा कॉलोनी, एयर इंडिया बिल्डिंग, ज़वेरी बाज़ार, होटल सी रॉक, प्लाज़ा थिएटर, सेंटौर होटल और सहर एयरपोर्ट शामिल था.
– कौन था ताहिर मर्चेंट
– ताहिर मर्चेंट को ताहिर तकल्या के नाम से भी जाना जाता है.
– 1993 के बम ब्लास्ट के बाद ताहिर मर्चेंट फरार हो गया है. साल 2010 तक भगोड़ा रहा.
– साल 2010 में सीबीआई ने ताहिर मर्चेंट को अबूधाबी से गिरफ्तार किया था.
– ताहिर मर्चेंट याकूब मेनन का बेहद करीबी था. याकूब को पहले ही फांसी दे दी गई है.
– साल 1993 में कोर्ट ने ताहिर मर्चेंट के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.
– ताहिर मर्चेंट ने धमाके के बाद कई लोगों को दुबई बुलाया था. वहां उन्हें हथियारों की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भिजवाया.
– ताहिर मर्चेंट ने पाकिस्तान ट्रेनिंग के लिए जाने वाले लोगों के लिए यात्रा दस्तावेज और पैसे उपलब्ध कराए थे.
– 1993 ब्लास्ट की साजिश रचते हुए उसने दुबई में कई मीटिंग अटेंड की थी. इनमें याकूब मेमन और दाऊद इब्राहिम शामिल होते थे.