मुंबई : अंडरवर्ल्ड में दशहत का पन्ना बन चुके गैंगस्टर रवि पुजारी को पश्चिम अफ्रिका के सेनेगल में गिरफ्तार किया गया है | बेंगलोर सिटी पुलिस ने रवि पुजारी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी की थी | रवि पुजारी की गिरफ्तारी की आधिकारिक खबर मिलते ही जहा उसके प्रत्यपण का आधार तलाश रहे है वही मुंबई में रवि पुजारी से जुड़े सभी मामलो की परत दर परत खुलने के डर से कई लोगो की नींद उड़ गई है| रवि पुजारी अगर हिन्दुस्थान लाया जाता है तो उसपर कई मामले चालाये जायगे |
रवि पुजारी का नाम तब खुलकर सामने आया जब छोटा राजन गिरफ्तार हो चुका था और तिहाड़ जेल पहुंच गया था | सूत्रों की माने तो रवि पुजारी छोटा राजन गिरोह से पहले ही अलग हो चुका था लेकिन उसका नाम खुलकर तब सामने आया जब उसने बॉलीवुड के ‘किंग’ खान यानी शाहरुख खान को धमकी भरे अंदाज में दाऊद और राजन गिरोह से दूर रहने की हिदायत दी थी| इतना ही नहीं रवि पुजारी पर फिल्म निर्माता अली मोरानी के बंगले के बाहर हुई पांच राउंड फायरिंग करवाने का भी आरोप है | सर्जिकल स्ट्राईक पर बोलने वाले एक कांग्रसी नेता को थोक देने का ऑडियो बाजार में घूम चुका है |
- प्रीति जिंटा और नेस वाडिया के बीच चल रहे विवाद में भी रवि ने बीच में पड़कर अपने आपको सामने लाया था |
- डॉन पुजारी की दहशत बॉलीवुड के साथ-साथ राकांपा नेताओं को जान से मारने की धमकी देने में भी सामने आई थी |
रवि पुजारी पर उल्हासनगर के दबंग पप्पू कालानी के कट्टर विरोधी माने जाने वाले राकांपा नेता भरत गंगोत्री को जान से मारने की धमकी दी थी | पप्पू कालानी के बेटे ओमी कालानी और नगरसेवक रवि अग्यासी को भी रवि पुजारी के नाम से धमकी मिल रही थी | अगर रवि पुजारी हिन्दुस्थान लाया जाता है तो उपरोक्त कई मामलो के सिवा दिल्ली और बेंगलोर में भी रवि पुजारी के नाम से हुए अपराध का पर्दाफ़ाश हो सकता है |
गुंदवली का आम आदमी दुनिया का डॉन
बॉलीवुड से लेकर पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना अंडरवर्ल्ड डॉन रवि पुजारी आज भले ही एक दहशत का नाम हो, परन्तु अंधेरी पूर्व के गुन्दवली इलाके की गलियां आज भी इनके शुरुआती दौर को नहीं भूली हैं. कल तक जो मुंबई उपनगर के अँधेरी इलाके में एक आम आदमी हुआ करता था, आज वह बॉलीवुड और आम दुनिया में अपनी एक दहशत भरी पहचान रखता है. आज जहां मनपा के/पूर्व का कार्यालय है, वहीं अमरनाथ अपार्टमेन्ट के बगल में रहने वाला रवि पुजारी एक बहुत ही नॉर्मल आदमी हुआ करता था. जे. बी. नगर का आरएसएस कॉलेज अधिकतर उसके बैठने का अड्डा हुआ करता था.
गुन्दवली में टकल्या विलास उर्फ़ विलास भोसले, प्रकाश वाडी में जाबले बंधु, तेलीगली में कदम के अलावा पांचाल बंधु, मोगरापाडा में सोलंकी कंपनी के अलावा छोटे-मोटे गुंडे अपना कब्जा जमाए बैठे थे. हर गुंडा अपने आप में भाई था. अँधेरी-कुर्ला रोड पर स्थित मून लाइट पर इनमें से कई गुंडों को पार्टी देने का काम विकास, विजया सावंत, विलास दलवी सहित कई लोग करते थे. इन छोटी-मोटी पार्टियों में अपने ज़माने का कुख्यात शरद शेट्टी, श्रीकांत मामा, बाबू रेशीम, खीम बहादुर थापा सहित कई बड़े-बड़े माफियाओं जमवाड़ा होता था. उसी में एक गोरा चिट्टा-सा मासूम-सा रवि भी रहता था. .
रवि अँधेरी पूर्व के उस गुन्दवली इलाके का रहने वाला है, जहाँ पहले से ही कई अलग-अलग गैंग हुआ करते थे. वे गैंग बेकार व माँ-बाप की नहीं सुनने वाले लड़कों को अपने साथ रखते थे. जे.बी. नगर के राजस्थानी सेवा संघ कॉलेज के सामने कुछ आवारा लड़कों के साथ बैठने वाला गोरा विदेशी-सा दिखने वाला रवि का भी यही काम था. देखते ही देखते रवि पुजारी श्रीकांत मामा के लिए काम करने लगा. मामा शरद शेट्टी से जुड़ा था और शेट्टी दाऊद गिरोह के लिए काम करता था. करीबी सूत्रों के मुताबिक़ रवि अपने दोस्तों के साथ शांति नगर के नंदनी बार में बैठा करता था; जहाँ उसी ग्रुप में बंड्या झाल्टे का भी समावेश हुआ करता था.
जो मामा के लिए एयरपोर्ट पर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया करता था. मुंबई में हुए बम ब्लास्ट के बाद यह गिरोह कई टुकड़ों में बंट गया. जिसमें दाऊद इब्राहिम कासकर ने अपनी मुस्लिम टीम बरकरार रखी और मुस्लिम कंट्री में शरण ली, तो छोटा राजन ने अपने आपको हिन्दू डॉन साबित कर हिन्दू गैंगस्टरों को अपने साथ ले कर बैंकाक और मलेशिया की शरण में चला गया. वहीं शरद शेट्टी और मामा दाऊद के लिए ही काम करते रहे, श्रीकांत मामा को पूर्व पुलिस एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने दिंडोशी में एक पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था. सूत्रों पर विश्वास करें तो यह मुखबिरी बंड्या झाल्टे ने की थी, जिसकी पुष्टि एक पुलिस अधिकारी ने भी की थी.
मुठभेड़ के बाद मामा की पत्नी ने कसम खाई थी कि जब तक झाल्टे की ह्त्या नहीं करवा दूंगी, तब तक बाल नहीं बांधूगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ मामा की पत्नी से रवि पुजारी के बहुत मधुर सम्बन्ध हुआ करते थे. उसी का बदला लेने के लिए रवि पुजारी ने झाल्टे की नंदनी बार में ह्त्या कर दी. उसके बाद रवि ने छोटा राजन का हाथ पकड़ कर आगे बढ़ना सीखा. काफी साल पहले बैंकाक में छोटा राजन पर हुए हमले में राजन तो बच गया, लेकिन उसका बहुत करीबी रोहित वर्मा उर्फ़ धर्मेंद्र पांडे और उसकी पत्नी मारे गए. उसी के बाद से राजन को कमजोर समझकर कई लोग जो छोटा राजन से जुड़े थे, उनमें से कईयों ने अपना-अपना गिरोह बना लिया. इसी कड़ी में रवि पुजारी ने भी अपना गिरोह बनाकर नंबर वन बनने की कोशिश शुरु कर दी | कई जगहों पर फ़ोन कर रवि पुजारी भी अपने आपको हिंदु डॉन साबित करने में लगा था