प्योंगयांग, 30 अगस्त : उत्तर कोरिया ने अपनी मंशा स्पष्ट करते कहा है कि जापान के ऊपर से मिसाइल छोड़ना प्रशांत क्षेत्र में उसकी सैन्य कार्रवाई का ‘पहला कदम’ है। यह जानकारी बुधवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
विदित हो कि मंगलवार को उत्तर कोरियाई मिसाइल जापानी द्वीप के ऊपर से गुजरने के बाद समंदर में जा गिरी थी। उत्तर कोरिया की कार्रवाई को भविष्य में और ऐसे कदमों के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी केसीएनए ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने यह कार्रवाई अमरीका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैनिक अभ्यास के जवाब में की है। यह संयुक्त सैनिक अभ्यास फिलहाल जारी है और इसके साथ ही साल 1910 की जापान-कोरिया संधि की सालगिरह भी मनाई जा रही है।
उधर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया की कार्रवाई की एक सुर में आलोचना की है। सुरक्षा परिषद ने मंगलवार को उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण को भड़काने वाली कार्रवाई बताया। हालांकि सुरक्षा परिषद के बयान में उत्तर कोरिया पर किसी नए प्रतिबंध का जिक्र नहीं किया गया है।
उत्तर कोरिया ने हाल के महीनों में संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के बावजूद बार-बार मिसाइलों का परीक्षण किया है। इसी सिलसिले में मंगलवार को उत्तर कोरिया ने प्योंगयांग के पास किसी जगह से ताजा परीक्षण किए। यह मिसाइल ने 2700 किलोमीटर की दूरी तय की और जापान के पूर्व तट से 1180 किलोमीटर दूरी पर जाकर गिरी।
उधर, जापान को अपने द्वीप पर सुरक्षा अलर्ट जारी करना पड़ा। प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने बाद में इसे ‘अप्रत्याशित, महत्वपूर्ण और गंभीर चेतावनी’ करार दिया।