नागांव, 04 फरवरी : मानवीयता का इससे बड़ा उदाहरण और कहां मिल सकता है कि महज चंद रुपये के लिए लोग अपने संतान को बेच देते हैं। ऐसा ही एक मामला रविवार को मध्य असम के नगांव जिले के कामपुर थाना क्षेत्र के बूढ़ागांव में देखने को मिला जहां 1500 रुपये के लिए एक दम्पत्ति ने अपनी कन्या को बेच डाला।
सूचना मिलने पर जिले के कामपुर थाना पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की। पुलिस बुढ़ागांव पहुंची और उस परिवार को ढूंढ़ निकाला, जिसने अपनी बच्ची को बेचा था। बच्ची के माता-पिता को पुलिस अपने साथ थाने ले आई। काफी पूछताछ के बाद उस दम्पत्ति ने बताया कि पहले से ही उनकी तीन बच्चियां हैं, जो काफी दिनों से बीमार चल रही हैं।
उनके पास न तो बच्चियों को कुछ खिलाने के लिए है और न ही उनका इलाज करने के लिए पैसे हैं। ऐसे में उन्होंने यही श्रेयकर समझा कि छोटी बच्ची को बेचकर यदि 15 सौ रुपए मिल जाते हैं तो इससे तीन बच्चियों का इलाज हो सकेगा। घर में कुछ खाने का सामान भी आ सकेगा। इसलिए हमने अपनी सीने पर पत्थर रखकर छोटी बच्ची को बेच डालना ही उचित समझा।
माता-पिता का बयान लेने के बाद पुलिस खरीदने वाले निःसंतान दम्पत्ति प्रदीप सैकिया एवं उनकी पत्नी हिमानी सैकिया के घर पहुंची जहां से उस नवजात शिशु को बरामद किया गया। बरामद की गई बच्ची महज 1 माह 10 दिन की बताई गई है। इस घटना की सूचना पूरे जिले में आग की तरह फैल गई।(हि.स.)।