बिहारराज्य

बेटे-बेटी का कोचिंग में एडमिशन करवाने जा रही महिला का ट्रेन से कटा पैर, नहीं मिली सहायता तो मासूम ठेले पर ले गए हॉस्पिटल.

पटना, सनाउल हक़ चंचल-5 जुलाई : मुजफ्फरपुर, इंसान कितना असंवेदनशील हो गया है, इसका जीता जगता सबूत बुधवार को जंक्शन पर देखने को मिला। जब रोते-बिलखते दो बच्चे खून से लथपथ तड़पती अपनी मां की मदद के लिए लोगों से गुहार लगाते रहे। लेकिन, उनकी मदद के लिए तो कोई यात्री आगे नहीं  आया. न ही इस हादसों के बाद  जिम्मेदार रेल अधिकारी व रेल पुलिस भी. 

दरअसल, सकरा के डिहुली गांव की गीता देवी बुधवार की दोपहर अपने बेटे-बेटी का कोचिंग में एडमिशन करवाने सप्तक्रांति एक्सप्रेस से दिल्ली जा रही थीं। ट्रेन पर चढ़ाने के लिए उनका देवर देंवेद्र महतो भी जंक्शन साथ आया था। प्लेटफॉर्म पर काफी भीड़ थी। दोपहर 12.35 बजे गीता देवी ने पहले दोनों बच्चों को ट्रेन पर चढ़ाया, फिर खुद चढ़ने लगीं। इसी बीच ट्रेन खुल गई, जिससे पैर फिसल गया। ट्रेन प्लेटफॉर्म के बीच के गैप में पैर फंस गया। इससे महिला का एक पैर कट गया। खून से लथपथ मां को देख कर दोनों बच्चों का बुरा हाल था। दोनों बच्चे जंक्शन पर आते-जाते यात्रियों से मदद की गुहार लगाते रहे। लेकिन, कोई भी यात्री पुलिसिया झंझट में पड़ने के भय से तड़प रही महिला को उठाने के लिए आगे नहीं आया। लोग आते और देख कर आगे बढ़ जाते। 

बदहवास दोनों बच्चे अपने चाचा के साथ मिल कर ट्रैक पर गिरी अपनी मां को उठाने की कोशिश कर रहे थे। थक-हार कर 10-12 मिनट बाद तीनों मिल कर खून से लथपथ महिला को उठा कर प्लेटफॉर्म पर लाए और एक ठेला पर किसी तरह लाद कर सदर अस्पताल पहुंचाया। जख्मी महिला का देवर ठेले को खींच रहा था और पीछे से दोनों बच्चे सुमित अंजलि ठेले को धक्का दे रहे थे। अस्पताल पहुंचने पर इमरजेंसी में कार्यरत डॉ. जनेंदू शेखर ने महिला का इलाज किया। यहां से डॉक्टरों ने महिला की गंभीर हालत को देखते हुए एसकेएमसीएच में रेफर कर दिया।

क्या कहते हैं अधिकारी …….

इधर,रेल एसपी बीएन झा ने बताया कि स्टेशन रेल क्षेत्र में हादसे में जख्मी लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए रेलवे द्वारा एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। वे एंबुलेंस के लिए अपने स्तर से एक स्वयंसेवी संस्था से बात कर रहे हैं। वहीं, शीघ्र ही जंक्शन पर एंबुलेंस की व्यवस्था हो जाएगी। वहीं, डीआरएम, सोनपुर मंडल अतुल्य सिन्हा ने कहा कि रेल परिक्षेत्र में जख्मी व्यक्तियों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस की ऑन काल व्यवस्था करने पर विचार चल रहा है। शीघ्र ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, दोनों अधिकारियों ने बुधवार की घटना के बाबत किसी कार्रवाई की बात नहीं की। 

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