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बीएमसी ने बढ़ाया जांच का दायरा, 1 मरीज पर होगी 32 लोगों की जांच, 72 घंटे में पूरी करनी होगी कांटेक्ट ट्रेसिंग

मुंबई. मुंबई में कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने की कगार पर है. लेकिन संभावित तीसरी लहर के बीएमसी ने अभी से कमर कस ली है. मुंबई के उन वॉर्डों में जहां कोरोना के मामले अधिक मिल रहे हैं वहां बहुत अधिक सतर्कता बरती जा रही है. उन वॉर्डों में बीएमसी ने जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है. पहली लहर कमजोर पड़ने के बाद आम लोगों के साथ बीएमसी अधिकारी भी सुस्त पड़ गए थे जिस कारण दूसरी लहर ने कोहराम मचा दिया था. इस बार बीएमसी अपनी पुरानी गलतियों को दोहराना नहीं चाहती है. नये मिल रहे मरीजों पर पैनी नजर रखी जा रही है. पहले रेड जोन घोषित किए गए इलाकों में प्रति मरीज के पीछे 20 लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाती थी. वहां अब एक मरीज के पीछे 32 लोगों की जांच करने का आदेश बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने दिया है. अधिकारी का मानना है कि इससे कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने में सफलता मिलेगी.

पिछले कुछ दिनों से मुंबई के कुछ वॉर्डों में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. इसको गंभीरता से लेते हुए बीएमसी ने नई योजना तैयार की है. इस योजना के अंतर्गत जिन वॉर्डों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों को एक पॉजिटिव मरीज के पीछे 32 लोगों की खोज कर जांच करने का आदेश दिया है. इसके अलावा संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों की 100% कांटेक्ट ट्रेसिंग वह भी 72 घंटे के भीतर करनी होगी. कांटेक्ट ट्रेसिंग वालों में से अति गंभीर लोगों की कोरोना जांच 5 दिन अथवा यदि उनमें कोई लक्षण दिखता है तो 14 दिन के भीतर करनी होगी. बीएमसी अधिकारी ऐसे लोगों से लगातार संपर्क में भी बने रहेंगे.

अभी जिन इलाकों में कोरोना के ज्यादा मामले मिल रहे हैं वहां स्वास्थ्य दल की तरफ से जांच शिविर लगाया जाएगा. जांच में मिलने वाले मरीजों की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देनी होगी. दवाखानों में आने वाले मरीजों को यदि उल्टी, दस्त, सिरदर्द, गले में खराश, बुखार होने पर उनकी जांच करने का आदेश दिया गया है.

यहां बढ़े मरीज

अंधेरी पश्चिम, गोरेगांव, माटुंगा, भांडूप, दहिसर ग्रांट रोड, बांद्रा, बोरिवली इलाकों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. यहां पर हाईरिस्क ट्रेसिंग की गई है. पिछले 24 घंटे के दौरान मरीजों के संपर्क में आने वाले 8 हजार 93 लोगों की खोज की गई है. इसमें 5,740 लोग हाईरिस्क वाले थे जबकि 2,353 लोग लो रिस्क वाले थे. अब तक 78 लाख 39 हजार 70 लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की गई है. 43 लाख 51 हजार 326 हाईरिस्क संपर्क वाले थे और 34 लाख 87 हजार 744 लो रिस्क वाले थे.

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