पटना, सनाउल हक़ चंचल
पटना : अब सूबे में पुराने नियम के आधार पर बालू की बंदोबस्ती की जाएगी। राज्य सरकार ने इस आशय का निर्णय बुधवार को लिया है। हालांकि यह प्रभावी कब से होगा यह स्पष्ट नहीं है। बताया गया है राज्य में व्याप्त बालू संकट को लेकर हो रहे विरोध एवं राजस्व में गिरावट के मद्देनजर सरकार ने यह फैसला लिया है।
इसकी जानकारी बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने देते हुए कहा कि बालू को लेकर जो नियम बनाए गए थे उसमें कुछ प्रावधान पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। अभी इस पर 23 को अगली सुनवाई होनी है। सरकार ने अभी फैसला लिया है कि बालू की बंदोबस्ती पुराने नियम के आधार पर ही किए जाएं। हालांकि सरकारी रोक कब हटेगी और बालू का उत्खनन होगा इस पर उन्होंने कुछ नहीं बताया। उन्होंने बताया कि जिनका अवैध उत्खनन के कारण या दूसरे कारणों से लाइसेंस रद्द किया गया था उसका सेटलमेंट पुराने नियम से किया जाएगा।
लेकिन सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि एक लाइसेंसधारी अधिकतम सौ हेक्टेयर से ज्यादा में बालू का उत्खनन नहीं करेगा। नए नियम से कई लोगों को लाइसेंसधारी होने का मौका मिलेगा, जो पहले हजारों हेक्टेयर में यह कारोबार करते थे। बालू की कमी के कारण बिहार में निर्माण उद्योग पूरी तरह ठप पड़ गया है। सीमेंट से लेकर कंक्रीट उद्योग पूरी तरह ठप पड़ गया है। लाखों मजदूर जो निर्माण उद्योग में लगे थे और बेकार हो चले थे सरकार के इस फैसले से राहत की सांस लिए हैं।