पटना, सनाउल हक़ चंचल-
बिहार बोर्ड को नया चेयरमैन मिल सकता है. इस मामले में अब हाई कोर्ट ने दखल दिया है. और सरकार से जवाब भी माँगा है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं होने और इस कारण उसके रोजाना के कामकाज पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.
गौरतलब है कि टॉपर घोटाला कांड के मुख्य अभियुक्त परीक्षा समिति के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह की गिरफ्तारी के बाद पटना प्रमंडल के आयुक्त आनंद किशोर को तात्कालिक तौर पर समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, जिसका कार्यभार आनंद किशोर आज तक करते रहे हैं. मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि समिति का एक पूर्णकालिक अध्यक्ष बहाल किए जाने के संदर्भ में सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे.
इस बाबत राज्य सरकार को चार हफ्ते में जवाब देने का आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने नागरिक अधिकार मंच उनके संयोजक शिव प्रकाश रॉय की ओर से दायर जनहित याचिका को सुनते हुए दिया.
याचिककर्ता की ओर से एडवोकेट दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य परीक्षा समिति के अध्यक्ष का पद बहुत ही महत्वपूर्ण है और उन्हें पूरे सूबे के विद्यालयों (प्लस टू तक ) की संबद्धता मान्यता देने एवं सूबे के लाखों माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक एवं टीचर्स ट्रेनिंग परीक्षाओं के संचालन में बड़ी भूमिका निभानी होती है. नियमित अध्यक्ष नहीं होने के कारण ही समिति के रोजाना कार्यकलापों में भी गड़बड़ी होती है. यह आवश्यक है कि इस पद पर अध्यक्ष की नियमित नियुक्ति की जाए. मामले पर 4 सप्ताह बाद सुनवाई होगी.