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बागपत में हजारों लोगों पर मंडरा रहा मौत का खतरा

बागपत, 22 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली में हुए बवाना आग हादसे के बाद भी बागपत में प्रशासन की नींद नहीं खुली है। जनपद में अधिकांश फैक्ट्रियों में आगजनी से बचने के उपाय नहीं किए गए हैं, जिसके चलते कभी भी अनहोनी हो सकती है। छोटी इकाइयों ने तो तमाम नियमों को ताक पर रखते हुए अभी तक एक भी इकाई संचालक ने अग्निशमन विभाग से कोई अनुमति नहीं ली है। अग्निशमन विभाग भी या तो इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है या फैक्ट्रियों ने विभाग से सांठगांठ कर ली है।

बागपत जिले की करीब 2500 इकाइयों में से करीब 1250 के पास आग से निपटने के उपाय हैं, बाकी की इकाइयों में कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है। मानकों को ताक पर रखकर चलने वाली इन इकाइयों पर न तो जिला प्रशासन का ही कोई ध्यान है और न अग्निशमन विभाग का। आलम ये है कि यदि इन इकाइयों मेें कोई आगजनी हो जाए तो उससे निपटने के लिए वहां न फायर किट है, न ही मिट्टी-बालू और न ही जल स्रोत का कोई इंतजाम। यहां पूर्व में भी कई फैक्ट्रियों में आग लग चुकी है, बावजूद इसके अफसरशाही इस ओर ध्यान नहीं दे रही है जिसके चलते इन इंकायों में काम करने वाले हजारों मजदूरों की जिंन्दगी दाव पर है। 

एसडीएम विवेक यादव ने बताया कि बागपत में जो इकाइयां है उनकी जांच कराई जाएगी और जिनके पास प्रर्याप्त साधन नहीं होगा उनकी जांच होगी।

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